शिवसेना ने कंगना को चेताया – पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं किया जाता

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत और शिवसेना के बीच विवाद गहराता जा रहा है। कंगना सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रही हैं तो शिवसेना अपने मुखपत्र के माध्यम से शब्दबाण छोड़ रही है। शनिवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र के जरिये कंगना को नसीहत दी है कि पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं किया जाता। खुद कांच के घर में रहकर दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते। जिन्होंने फेंका उन्हें मुंबई और महाराष्ट का श्राप लगा।

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र में लिखा कि मुंबई ऐसी ही है ! विवाद माफियाओं के पेट में दर्द शीर्षक के तहत प्रकाशित संपादकीय में कंगना का नाम लिए बिना कहा गया है कि मुंबई पाक अधिकृत कश्मीर नहीं है।

लेकिन जिन लोगों ने यह विवाद शुरू किया उन्हें मुबारक। मुंबई अक्सर विवादो में रहती है लेकिन विवाद माफियाओं की फिक्र न करते हुए मुंबई प्रतिष्ठित है।


जिन लोगों के पेट में दर्द हो रही है,वही लोग मुंबई के खिलाफ बोल रहे हैं। हमेंशा महाराष्ट्र को ही राष्ट्रीय एकता साबित करने के लिए कहा जाता है। लेकिन महाराष्ट्र ही राष्ट्र है। अगर महाराष्ट्र का महा मर गया तो राष्ट्र का कुछ नहीं होगा। नहीं बुझी है बाल ठाकरे की चिंगारी
शिवसेना ने मुखपत्र लिखा है कि स्वाभिमान और त्याग मुंबई के तेजस्वी अलंकार हैं। इस महाराष्ट्र के हांथों में छत्रपति शिवाजी महाराज ने भवानी तलवार दी। बालासाहेब ठाकरे ने दूसरे हाथ में स्वाभिमान की चिंगारी रखी। कुछ लोगों को लगता है कि दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे द्वारा जो चिंगारी पैदा की गई थी वह बुझ गई है। लेकिन वे लोग भ्रम में हैं। एकबार फूंक मारकर देख लें भ्रम टूट जाएगा।

अठावले पर भी साधा निशाना
शिवसेना ने कंगना रणौत की सुरक्षा की गारंटी देने वाले आरपीआई अध्यक्ष व केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले पर भी निशाना साधा। शिवसेना ने कहा कि संयुक्त महाराष्ट्र की लड़ाई में डॉ. भीमराव आंबेडकर भी प्रबोधनकार ठाकरे के साथ उतरे थे।

लेकिन जिनका ड़ॉ. आंबेडकर के विचारों से कौड़ी भर का भी लेनादेना नहीं है, ऐसे दिखावटी अनुयायी हवाई अड्डे पर महाराष्ट्र द्वेषियों का स्वागत करने के लिए नीले रंग का झंडा लेकर हंगामा करते हैं। यह तो आंबेडकर का सबसे बड़ा अपमान है।

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