जेट एयरवेज को झटका, बिहार के अनिल अग्रवाल ने खरीदने से किया इंकार

वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल के फैमिली ट्रस्ट वोल्कन इन्वेस्टमेंट्स (Volcan Investments) ने रविवार को जेट एयरवेज को खरीदने में रुचि दिखाई थी। अब अनिल अग्रवाल ने कहा है कि, उनकी जेट खरीदने में कोई रुचि नहीं है। वोल्कन इन्वेस्टमेंट्स ने कर्ज में डूबी जेट एयरवेज का व्यापार समझने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट दिया था। इस मामले में अधिक गौर करने के बाद और अन्य प्राथमिकताओं को देखने के बाद कंपनी ने तय किया है कि इस ईओआई को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। ईओआई देने वाली तीन कंपनियों में एक कंपनी वोल्कन इन्वेस्टमेंट्स थी। उनके अलावा पनामा की इन्वेस्टमेंट फर्म अवान्तुलो ग्रुप और रूसी फंड ट्रेजरी आरए क्रिएटर EOI जमा करने वाली अन्य दो कंपनियां हैं।

वोल्कन इन्वेस्टमेंट ने एक बयान जारी करके बताया था कि, अनिल अग्रवाल की इन्वेस्टमेंट कंपनी वोल्कन इन्वेस्टमेंट ने जेट एयरवेज और इंडस्ट्री के लिए बिजनेस की स्थिति को समझने के उद्देश्य से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जाहिर किया है। इस बयान में यह भी साफ किया गया कि यह ईओआई किसी भी तरह से वेदांता से जुड़ा नहीं है। दरअसल वेदांता के शेयरहोल्डर्स को अनिल अग्रवाल का रिस्क लेने वाला रवैया पसंद नहीं है। इसलिए वेदांता ने खुद को इस मामले से दूर रखा था। अब अनिल अग्रवाल ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया था, ‘अनिल अग्रवाल की हमेशा से घाटे वाले असेट्स में दिलचस्पी रही है। यह EOI सिर्फ इंडस्ट्री और एयरलाइन को अधिक जानने के बारे में दी गई है। अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है और यह जरूरी नहीं है कि यह चर्चाएं जेट एयरवेज में हिस्सेदारी लेने तक पहुंच पाएं। अग्रवाल को जोखिम लेने और आक्रामक तरीके से एक्विजिशन करने वाले कारोबारी के तौर पर जाना जाता है। वे कैर्न इंडिया, हिंदुस्तान जिंक और बाल्को जैसी कंपनियों का अधिग्रहण करके उन्हें घाटे से मुनाफे में ले आए।

जेट एयरवेज में 24 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली संयुक्त अरब अमीरात की एयरलाइन एतिहाद ने भी एयरलाइन में और निवेश करने से इनकार कर दिया है। एतिहाद का कहना है कि, जेट एयरवेज से साथ उसकी पुरानी देनदारियो के मसले अब तक नहीं सुलझ पाएं हैं। यही वजह है कि कंपनी ने जेट में पुनर्निवेश करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट दाखिल नहीं किया है। एतिहाद ने कहा है कि, इस समय में जेट में निवेश करना न तो एतिहाद के लिए मुमकिन है और न ही यह जिम्मेदारी की बात है। एतिहाद ने 2013 में जेट एयरवेज में 24 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी।

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