चैत्र नवरात्रि कल से, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 5:28-8: 46 बजे तक, सांस्कृतिक आयोजन पर प्रतिबंध

PATNA : इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल से हो रही है। इस दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा शुरू होगी। नवरात्रा इस बार पूरे नौ दिन तक रहेगी। इस साल मां दुर्गा घोड़े पर आएंगी। इसे अशुभ मानते हैं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा होने पर प्राकृतिक आपदा की आशंका रहती है। अखंड वासिनी मंदिर के पंडित विशाल तिवारी ने बताया कि मां दुर्गा के आगमन से कष्टों का निवारण होता है। काेराेना जैसी महामारी और संक्रमण में भी कमी आएगी। नवरात्रि का समापन 22 अप्रैल दशमी तिथि में होगा। चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना सुबह 5 बजकर 28 मिनट से लेकर दिन में 8 बजकर 46 मिनट तक है। अभिजीत मुहूर्त का समय 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। 12 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 1 मिनट प्रतिपदा लगेगी जो कि दूसरे दिन 13 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि में एकम तिथि होने से नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल को होगी। इस बार मंगलवार के दिन चैत्र नवरात्र का आरंभ होने जा रहा है।

मान्यता है कि नवरात्रि में देवी दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं। यहां नौ दिनों तक वास करते हुए भक्तों की साधना से प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। नवरात्रि पर देवी दुर्गा की साधना और पूजा-पाठ करने से आम दिनों के मुकाबले पूजा का कई गुना फल की प्राप्ति होती है।

घटस्थापना मुहूर्त : 13 अप्रैल को सुबह पांच बजकर 28 मिनट से सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक।

अभिजीत मुहूर्त का समय : 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट के बीच होगा। 20 अप्रैल दिन मंगलवार को सूर्योदय से स्पर्श शुद्ध अष्टमी में महाअष्टमी व्रत होगा। 21 को महानवमी के साथ रामनवमी मनाई जाएगी।

सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ और सांस्कृतिक आयोजन पर रहेगा प्रतिबंध : चैत्र नवरात्र मेले पर एक बार फिर कोरोना संक्रमण का साया दिख रहा है। पिछले साल भी मार्च-अप्रैल में होने वाले चैत्र नवरात्र का मेला कोरोना के कारण प्रभावित हो गया था। 22 मार्च को लॉकडाउन शुरू हुआ। शासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर सख्ती बढ़ा दी गई थी। लॉकडाउन के चलते मंदिर पूरी तरह से बंद थे। लोगों ने घरों में पूजा की थी। इस वर्ष भी 13 अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र मेले पर एक बार फिर कोरोना संक्रमण का साया दिख रहा है। प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ व सांस्कृतिक आयोजन पर प्रतिबंध है। हिंदू धर्म के पावन पर्वों में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है। यह पर्व पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना के साथ ही व्रत किए जाते हैं। मंदिर की साफ-सफाई के अतिरिक्त इंतजाम किए जा रहे हैं। जिले में दो दर्जन से अधिक स्थानों पर धूमधाम से चैत्र नवरात्रा का आयोजन किया जाता है। कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे आंकड़ों के बावजूद श्रद्धालु अपने घरों में नवरात्रा की तैयारी शुरू कर चुके हैं।

कौन से रूप की कब होगी पूजा : } प्रतिपदा- मां शैल पुत्री की पूजा एवं घटस्थापना} द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजा} तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा} चतुर्थी- मां कुष्मांडा पूजा} पंचमी- मां स्कंदमाता पूजा} षष्ठी- मां कात्यायनी पूजा} सप्तमी- मां कालरात्रि पूजा} अष्टमी- मां महागौरी} रामनवमी- मां सिद्धिदात्री

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