रक्षाबंधन 3 अगस्त को, सुबह 9:28 पर खत्म होगी भद्रा, दिनभर बांधें राखी

भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पर इस बार दिन भर राखी बांध सकेंगे। सुबह 9:28 पर भद्रा का साया गुजर जाएगा। सोमवार पूर्णिमा और सर्वार्थ-सिद्धि योग इसे खास बनाएंगे। ज्योतिषविद और पुजारियों का कहना है कि भद्रा के बाद ‘शुभ चौघड़िया’ में राखी बांधें।

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। ज्योतिषविद् विभोर इंदुसुत बताते हैं कि इस बार रक्षाबंधन पर विशेष बात ये है कि पूर्णिमा के साथ-साथ ये सावन का आखिरी सोमवार होगा। इसके अलावा पूरे दिन ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ रहेगा, इससे रक्षाबंधन के दिन की शुभता बहुत बढ़ जाएगी।

पंडित विनोद त्रिपाठी कहते हैं कि सभी बहनें सुबह 9:28 पर भद्रा समाप्त होने के बाद ही अपने भाइयों को राखी बांधें। भद्रा की समाप्ति के साथ ही सोमवार का राहुकाल भी निकल चुका होगा।

ये हैं राखी बांधने के मुहूर्त : -विशेष शुभ चौघड़िया मुहूर्त – 3 अगस्त को सुबह 9:30 बजे से 11 बजे तक शुभ चौघड़िया राखी बांधने के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त होगा।-दोपहर 2 से शाम 7 बजे के बीच लगातार चर लाभ और अमृत के तीन शुभ चौघड़िया मुहूर्त होंगे। इसलिए दोपहर 2 से शाम 7 बजे के बीच का पूरा समय भी राखी बांधने के लिए शुभ होगा।

इस तरह बंधवाएं राखी : राखी बांधते समय भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। सर्वप्रथम बहन को अपनी अनामिका अंगुली (रिंग फिंगर) से भाई के मस्तक पर रोली का तिलक लगाकर अक्षत अर्थात साबुत चावल लगाने चाहिए। अक्षत अखंड शुभता को प्रदर्शित करते हैं। इसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए उसके मंगल की कामना करनी चाहिए। भाई को भी आपकी बहन की रक्षा का प्रण लेते हुए उसे उपहार भेंट करना चाहिए।

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