राम मंदिर निर्माण में मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी के मिट्टी का होगा प्रयोग, मनेगी होली-दीपावली

श्रीराम जन्मभूमि के भूमि पूजन में मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी की मिट्टी का होगा उपयोग : अयोध्या में आगामी 5 अगस्त को होने वाले श्रीराम जन्मभूमि भूमि पूजन में मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी की मिट्टी का भी उपयोग किया जाएगा। इसके लिए यहां से पवित्र मिट्टी काे अयोध्या भेजा जा रहा है। इस क्रम में जानकी मंदिर में विधिवत पूजा कर पवित्र मिट्टी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के लिए रवाना किया गया।

मां जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति की अगुवाई में सीतामढ़ी के पांच प्रमुख मंदिर जानकी मंदिर, पुनौरा मंदिर, हलेश्वरस्थान मंदिर, पंथपाकड़ स्थित सीता मंदिर एवं बगही धाम से मिट्टी इकट्ठा कर जानकी मंदिर में विधिवत पूजन कर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंथ श्री नृत्यगोपाल दास जी महाराज और महासचिव चंपत राय जी को सौंपा जाएगा।

सीतामढ़ी से ही हुई थी शिला पूजन की शुरुआत : विशाल कुमार ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण कोई सामूहिक कार्यक्रम नहीं होने के बावजूद प्रभु श्रीराम के ससुराल पक्ष के उत्साह में काेई कमी नहीं रहेगी। सभी लाेग अपने घरों से इस ऐेतिहासिक दिन को यादगार बनाने के प्रयास में जुटे हैं। बताया गया कि श्रीराम जन्मभूमि के आंदोलन में सीतामढ़ी से ही शिला पूजन की शुरुआत हुई थी। आंदोलन के दौरान कई शहरवासी कार सेवा में 1990 और 1992 में अयोध्या गए थे। आंदोलन के दौरान ही कई लोग जेल भी गए थे। राम जन्मभूमि के संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है।

गाजे-बाजे के साथ जलाभिषेक यात्रा एक अगस्त को : विहिप भूमि पूजन को लेकर भव्य तैयारी कर रही है। कार्यकर्ता सीतामढ़ी से बागमती, लखनदेई, अधवारा समूह की झीम के अलावा अन्य जिलों की गंडक, लालबकेया, कोसी आदि नदियों का पवित्र जल मंत्रोचार के साथ कलश में भर रहे। जानकी स्थान, पंथपाकड़ व पुनौरा धाम सहित अन्य मंदिरों से मिट्टी एकत्र कर रहे। जिलाध्यक्ष रामानंद प्रसाद एवं प्रांत सह मंत्री अरविंद झा ने बताया कि भूमि पूजन में शामिल होने के लिए गाजे-बाजे के साथ जलाभिषेक यात्रा एक अगस्त को अयोध्या के लिए रवाना होगी। साथ में इन नदियों का जल व मंदिरों की मिट्टी होगी।

भूमि पूजन के दिन मनेगी होली-दीपावली : जानकी स्थान मंदिर के महंत विनोद दास, पुनौरा धाम के महंत कौशल किशोर दास और पंथपाकड़ के संत देवेंद्र दास ने कहा कि तकरीबन पांच सौ साल से राम का भव्य मंदिर न होना मिथिलावासियों के लिए बहुत ही दुखद था। लेकिन, अब पाहुन का भी घर होने जा रहा है। मंदिर निर्माण को लेकर सभी हर्षित हैं। उस दिन महिलाएं गीत गाकर अपनी आस्था प्रकट करेंगी। उस दिन यहां होली-दीपावली मनेगी। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही कि पूजा-अर्चना करें और खुशियां मनाएं। जानकी मंदिर के धर्मानुरागी महावीर शास्त्री कहते हैं कि मिथिलावासी अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर देखना चाहते हैं।

भवनवा के भाग जागल, मनवा में आस जागल हो : ‘मैं जनक नंदिनी’ की लेखिका आशा प्रभात कहती हैं कि भूमि पूजन होने जा रहा है। ऐसे में मां जानकी के मायके में खुशी का माहौल होना स्वाभाविक है। श्री राम यहां के जमाई हैं। जमाता सबको अति प्रिय होते हैं। उन्होंने कहा कि उस दिन यहां की महिलाएं सोहर-‘जुग जुग जियसु ललनवा भवनवा के भाग जागल हो, ललना लाल होइये कुलवा के दीपक मनवा में आस जागल हो’ जैसे गीत गाकर मंदिर निर्माण का स्वागत करेंगी। इधर, इतिहासकार व पुरातत्ववेत्ता रामशरण अग्रवाल कहते हैं कि संपूर्ण मिथिलावासी प्रभु श्रीराम को ‘दुल्हासरकार’ के रूप में शिरोधार्य करते हैं।

सांसद समेत तमाम लोग देंगे दान :सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि दामाद (पाहुन) का घर बन रहा है तो मिथिलावासी उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। मंदिर निर्माण के लिए मैं खुद भी दान में राशि दूंगा। मां जानकी सेवा ट्रस्ट ने भी दान राशि देने की बात कही है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक सचिव राजेश सुंदरका, व्यवसायी संजय कुमार, सज्जन हिसारिया ने कहा कि बहुत सारे लोग दान देंगे और कार सेवक की भूमिका अदा करेंगे।

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