बिहार का विश्वविख्यात सोनपुर मेला अब होगा डिजिटल और स्मार्ट, सरकार ने 24.28 करोड़ की योजना को दी मंजूरी

By Rajveer

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सोनपुर मेला

बिहार के सोनपुर में हर साल लगने वाला ऐतिहासिक सोनपुर मेला, जो देश-विदेश से लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है, अब एक नए और आधुनिक रूप में नज़र आएगा। बिहार सरकार ने इस मेले को हाईटेक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए 24.28 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का मकसद मेले को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और स्थानीय लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।

मेला अब पहले से बहुत बेहतर होगा

सोंचिए, जिस मेले में अब तक आप मिट्टी की सड़कों और भीड़भाड़ से परेशान होते थे, अब वहां चौड़ी सड़कों पर आराम से चल सकेंगे, गाड़ी खड़ी करने के लिए साफ-सुथरी पार्किंग मिलेगी और खरीदारी के लिए पक्के हाट बनेंगे। मोबाइल ऐप से टिकट और जानकारी मिल जाएगी, और हर कोना साफ-सुथरा रहेगा।

उपमुख्यमंत्री ने दी जानकारी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि यह पूरी योजना स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत बनाई गई है। इसमें सोनपुर मेला स्थल को पर्यावरण के अनुकूल और डिजिटल सुविधा से युक्त पर्यटन केंद्र के रूप में तैयार किया जाएगा।

इसमें खास ध्यान दिया जाएगा:

  • प्रवेश द्वार को भव्य रूप दिया जाएगा
  • पक्के हाट बनाए जाएंगे जहाँ दुकानदार और खरीदार सुरक्षित और साफ जगह पर व्यापार कर सकेंगे
  • घाट तक सीधे पहुंचने के लिए सड़कें चौड़ी होंगी
  • पार्किंग और शटल सेवा की सुविधा होगी ताकि सैलानियों को परेशानी न हो

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डिजिटल और हरित पहल से बदलेगा मेला

सरकार ने तय किया है कि मेला पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था होगी, सोलर लाइट लगेगी और लोगों को पर्यावरण बचाने की जानकारी दी जाएगी।

डिजिटल पहल में ये सुविधाएं शामिल होंगी:

  • मेला का मोबाइल ऐप
  • कैशलेस भुगतान की सुविधा
  • वर्चुअल दर्शन (ऑनलाइन देख सकेंगे मेला)
  • स्मार्ट पार्किंग सेवा

इससे गांव से आने वाले लोग भी टेक्नोलॉजी का स्वाद चख पाएंगे और बाहर से आए सैलानियों को आराम मिलेगा।

रोजगार और स्थानीय व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना सिर्फ सैलानियों के लिए नहीं, बल्कि गांव के लोगों के लिए भी फायदेमंद होगी। मेले के कारण छोटे दुकानदारों, कारीगरों और होटल व्यवसायियों को ज्यादा काम मिलेगा। इससे गांव के लोगों की आमदनी बढ़ेगी और राज्य को अधिक राजस्व (कमाई) भी मिलेगा।

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5 नवंबर 2025 से शुरू होगा ऐतिहासिक मेला

इस साल 5 नवंबर 2025, कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मेले की शुरुआत होगी। मेला करीब एक महीने तक चलेगा।

गंगा और गंडक नदी के संगम पर लगने वाला सोनपुर मेला पूरे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। यहाँ खासतौर पर हाथी, घोड़े, गाय-बैल और अन्य पशुओं की खरीद-बिक्री होती है।

निष्कर्ष

सरकार की इस पहल से सोनपुर मेला न सिर्फ एक धार्मिक या पारंपरिक आयोजन रहेगा, बल्कि अब यह एक स्मार्ट और अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। यह बदलाव गांवों की आर्थिक स्थिति को मज़बूती देगा और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगा।

अब सोनपुर मेला केवल मेला नहीं, एक नया अनुभव बनेगा – स्वच्छ, स्मार्ट और सर्वसुविधायुक्त।