मोदी सरकार में विद्यार्थियों के लिए राम राज, बल्ब बंद कर छात्र को पी’टा

क्रांति के बिगुल को फूंको और उखाड़ दो ऐसे सत्ताधीशों को जो छात्रहितों को कुचलना चाहतें हैं।

सत्ता का ऐसा घिनौना चेहरा… वी’भत्स दृश्य दिलो-दिमाग को झकझोरने वाला है।JNU के छात्र अपने फीस वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं कई दिनों से…उन छात्रों को पी’टा गया, जुते मा’रे गए और न जाने क्या क्या हुआ होगा उन छात्रों पर अ’त्याचार।सोशल मीडिया पर कुछ विशेष विचारधारा के लोग जो अपने को एक्टिविस्ट बताते हैं और ठेकेदार…उन लोगों की टिप्पणियां निम्न सोच को दर्शा रही है।

शशिभूषण पांडेय पूर्वांचल के रहने वाले नेत्रहीन छात्र हैं,कला के प्रतिमूर्ति शशिभूषण को आपने अवश्य ही किसी न किसी माध्यम से सुना होगा…JNU में काउंसलर के पद पर चुनाव भी जीता है, प्रर्दशन के दौरान सरकारी पिठ्ठू पुलिस ने इनके सीने पर जुत्तों से प्र’हार किया। आप समझ सकते हैं कि पुलिस कितनी नि’र्दयी और मानव संवेदनाओं से हीन होती है…एक नेत्रहीन छात्र को इस प्रकार प्रताड़ित किया गया तो अन्य छात्रों के साथ क्या व्यवहार किया होगा?

ये छात्र हमारे अपने ही देश के हैं, मेरे आपके भाई-बहन या रिश्तेदार ही होंगे।इन लोगों को देशविरोधी के रूप में प्रस्तुत करना कितना दुर्भाग्यपूर्ण है…ये लोग ही हमारे हिंदुस्तान के भविष्य हैं।आज उनकी बारी है…कल हमलोगों की और परसों? किसानों की कैसे पिटाई हो रही है, किसी भी महाविद्यालय- विश्वविद्यालय में गुरुवों की क्या दशा है…आप अपने आस-पास देख ही रहे होंगे?

भारत विश्व गुरु बनने के दौर में है… गुरुकुलों में छात्रों पर नि’र्मम अ’त्याचार भारत को विश्व गुरु बना ही रहा है।आप मस्त रहिए,मत जगीयेगा… इंतजार कीजिए कि किसी अवतार का … ओशों ने ठीक ही कहा है कि, भारत एक स्त्रैण चित्त वाला देश है।स्त्री की तो स्तुतिगान से हमारे पुरातन ग्रंथ तो भरे पड़े हैं पर यह भी ध्रुव सत्य है कि,स्त्रियों पर अत्याचार में हमसे आगे शायद कोई होगा?स्त्रैण चित्त का प्रयोग इसलिए की स्त्री सह्स्राब्दियों से अत्याचार सहते आयी है ठीक हमारे देश की तरह…बस, अब और नहीं… क्रांति के बिगुल को फूंको और उखाड़ दो ऐसे सत्ताधीशों को जो छात्रहितों को कुचलना चाहतें हैं।

-Raghavendra_Das

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