नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, पटना हाईकोर्ट का फैसला रद्द

अभी अभी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है की सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के नियोजित शिक्षकों को झटका देते हुए पटना हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। ताजा अपडेट के अनुसार बिहार के क़रीब 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को SC से झटका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त किया। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की अपील मंजूर की।

आपको बता दें कि शिक्षकों से जुड़े इस बड़े फैसले में जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और जस्टिस उदय उमेश ललित की खंडपीठ ने अंतिम सुनवाई पिछले साल तीन अक्तूबर को की थी जिसके बाद से फैसला सुरक्षित रखा गया था।

सात महीने बाद आने वाले इस फैसले का सीधा असर बिहार के पौने चार लाख शिक्षकों और उनके परिवार वालों को मिलेगा। बिहार के नियोजित शिक्षकों का वेतन फिलहाल 22 से 25 हजार है और अगर कोर्ट का फैसला शिक्षकों के पक्ष मे आता है तो उनका वेतन 35-40 हजार रुपए हो जाएगा। शिक्षकों की इस लड़ाई में देश के दिग्गज वकीलों ने उनका पक्ष कोर्ट में रखा है। ये लड़ाई 10 साल पुरानी है जब 2009 में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने बिहार में नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम समान वेतन की मांग पर एक याचिका पटना हाइकोर्ट में दाखिल की थी।

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शिक्षकों की तरफ से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे वकीलों ने कोर्ट में बहस की जिसके बाद अंतिम सुनवाई वर्ष 2018 में तीन अक्तूबर को हुई। आपको बता दें कि कोर्ट के इस फैसले से बिहार के प्राथमिक स्कूल से लेकर प्लस टू विद्यालयों के शिक्षक इस फैसले से प्रभावित होंगे।

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