धर्मांतरण पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट, कहा- जबरन धर्म बदलवाना सही नहीं है, यह बर्दाश्त से बाहर है
जबरन धर्मांतरण विधि सम्मत नहीं सुप्रीम कोर्ट: धर्मांतरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा बयान दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि जबरन किसी का धर्म बदलवाना सही नहीं है. यह बहुत गंभीर मुद्दा है. आखिरकार यह हमारे संविधान के विरुद्ध है. जब कोई व्यक्ति भारत में रहता है तो उस हर व्यक्ति को भारत की संस्कृति के अनुसार से चलना होगा.
शीर्ष कोर्ट वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई 12 दिसंबर को करेगी।
न्यायमूर्ति एमआर शाह व न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ के सामने सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस मुद्दे पर विस्तृत सूचना दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। कहा कि वैधानिक रूप से शासन तय करेगा कि क्या कोई व्यक्ति धार्मिक मान्यता बदल जाने के कारण अपना धर्म बदल रहा है या किसी और कारण से। शीर्ष कोर्ट ने माना कि जबरन धर्मांतरण गंभीर मामला है। जब एक वकील ने इस अर्जी की विचारणीयता पर सवाल उठाया तो पीठ ने कहा, इतना तकनीकी मत बनिए। हम यहां चीजों को सही करने के लिए बैठे हैं। यदि किसी चैरिटी का उद्देश्य नेक है तो वह स्वागतयोग्य है, पर जिस बात की यहां जरूरत है, वह नीयत है। पीठ ने कहा, इसे विरोध के रूप में मत लीजिए।
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