सत्ता धारी दल के लिए खिलौना बनकर काम करती है पुलिस, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान, कहा-यह दुखद है

(PATNA) – कुछ पुलिस अधिकारी सत्ताधारी दल के साथ मिल काम करते हैं, यह बहुत दुखद : CJI निलंबित IPS के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी : देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने कहा है, ‘देश में दुखद स्थिति है। जब भी कोई राजनीतिक दल सत्ता में आता है तो कुछ पुलिस अधिकारी उसके लिए काम करने लगते हैं। फिर जब दूसरी राजनीतिक पार्टी सत्ता में आती है तो पहले वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाती है। उन पर राजद्रोह जैसे गंभीर आरोप तक लगा दिए जाते हैं। यह नया और परेशान कर देने वाला चलन है। इसे रोकना जरूरी है।’

सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच गुरुवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान सीजेआई ने यह तल्ख टिप्पणी की। गुरजिंदर पर अवैध संपत्ति बनाने सहित राजद्रोह का भी आरोप है। इन आरोपों में उन्हें निलंबित किया जा चुका है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने गुरजिंदर को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर चार सप्ताह की रोक लगा दी। साथ ही उन्हें पुलिस जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया। शीर्ष कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को भी नोटिस जारी कर उससे जवाब दाखिल करने को है। इससे पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गुरजिंदर पाल के खिलाफ दर्ज राजद्रोह का मामला रद्द करने से इंकार कर दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।

यह है मामला : गुरजिंदर 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वे भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय कई बड़े पदों पर रहे हैं। लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही पहले उनके खिलाफ आय से अधिक की संपत्ति का मामला दर्ज किया गया। अपराध निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध इकाई इस मामले की जांच कर रही है। फिर दूसरा मामला उनके खिलाफ राजद्रोह का दर्ज किया गया। इस आरोप में कि वे मौजूदा सरकार के खिलाफ कथित षड्यंत्र में शामिल थे। इन आरोपों में उन्हें इसी पांच जुलाई को निलंबित कर दिया गया था।

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