रामविलास पासवान की आत्मा रो रही होगी, चाचा भतीजा नहीं मिले तो खत्म हो जाएगी लोजपा

चाचा-भतीजा नहीं मिले तो पार्टी खत्म हो जाएगी:सूरजभान सिंह बोले-वो दोनों की पार्टी में नहीं हैं, नवादा से भाई चंदन सिंह ही लड़ेंगे चुनाव : बिहार में इन दिनों चाचा भतीजा की राजनीति जोरों पर है. चाचा नीतीश कुमार और दूसरे भतीजे तेजस्वी यादव जहां बिहार की सत्ता पर काबिज होकर शासन चला रहे हैं तो वही दूसरे चाचा पशुपति पारस और भतीजा चिराग पासवान अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. जबसे लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान का निधन हुआ है तब से पासवान फैमिली में शिक्षा को लेकर महाभारत का शुभारंभ हो चुका है. चाचा भतीजा को नेता मानने से इनकार करते हैं तो भतीजा ले चाचा को नेता मानने से साफ मना कर दिया है. परिणाम यह निकला कि दोनों अपनी-अपनी पार्टी अलग कर राजनीति का खेल खेल रहे.

इसी बीच बिहार के बाहुबली नेता सूरजभान सिंह में एक बड़ा ऐलान किया है. कहा है कि अगर 2024 चुनाव से पहले चाचा और भतीजा अर्थात पशुपति पारस और चिराग पासवान एक नहीं होते हैं तो उन दोनों का अस्तित्व मिट जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पार्टी में नहीं हूं मुझे लगता है कि चाचा भतीजा की जोड़ी समय की मांग है. सूरजभान सिंह ने यह भी क्लियर कर दिया कि नवादा से उनके भतीजे चंदन सिंह ही चुनाव लड़ेंगे.

पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने पारस के उस बयान पर आपत्ति जताया जिसमें उन्होंने यह कहा था कि चिराग पासवान उनके खानदान के नहीं हैं। उनसे कोई खून का रिश्ता नहीं है। सूरजभान सिंह ने कहा कि ये नही बोलना चाहिए। सूरजभान सिंह में यह भी कहा कि जिस समय पार्टी टूट रही थी। उस समय चिराग पासवान ने पार्टी के नेताओं से दूरी बना ली थी, जो गलत था।

हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि चिराग पासवान कभी भी उनसे दूर नहीं रहे है। दोनों चाचा भतीजा लड़ते रहे तो पार्टी समाप्त हो जाएगी। सूरजभान सिंह ने यह भी साफ किया कि आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 में नवादा से उनके भाई चंदन सिंह ही चुनाव लड़ेंगे, पत्नी वीणा सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगी।

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