कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में पीएम ने संसद का मुंह तक देखने नहीं दिया था- सुशील मोदी

बिहार में जातीय गणना के बाद से शुरू हुई सियासी बयानबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार द्वारा पीएम की जाति पूछने के बाद से बिहार की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। बीजेपी इस बयान के बाद से पूरी तरह फायर है। रविवार को सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष पीएम की पिछड़ी जाति और उनके माता-पिता के गरीबी का मजाक उड़ा रहे है। साथ ही उन्होंने पटलवार करते हुए कहा कि पीएम की जाति पूछने वाले कभी राहुल गांधी की जाति क्यों नहीं पूछते है।

दरअसल, रविवार को पीएम का जाति वाले बयान पर सांसद सुशील मोदी फायर हो गए। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है। वे मुद्दाहिन हो गई है। वे ना तो सरकारी कल्याणकारी योजनाओँ पर बात करती ना ही विकास पर। उन्हें पीएम की जाति से मतलब है। एक समय ऐसा था कि कांग्रेस ने पिछड़े जाति से आने वाले प्रधानमंत्री चरण सिंह को संसद का मुंह तक नहीं देखने दिया था। कांग्रेस की गोद में बैठे जदयू और राजद को पिछड़ी जाती से आने वाले पीएम वाली बात बर्दाशत नहीं कर पा रहे है। इन में इतना हिम्मता है तो ये राहुल गांधी से उनकी जाति क्यों नहीं पूछते है।

क्या है पूरा मामला

जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने शनिवार को कहा था कि गुजरात में मोदी कोई जाति नहीं है, बल्कि उपनाम है। 27 अप्रैल को यूपी के कन्नौज में पीएम मोदी ने खुद को अति पिछड़ा कहा था। पीएम की जाति को कब अति पिछड़ा में शामिल किया गया? कब अधिसूचना जारी हुई? जेडीयू प्रवक्ता ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी का जिस जाति में जन्म हुआ है वह मोड़ चाची है। इसकी चर्चा साल 1931 की जनगणना में भी नहीं है। सामाजिक-आर्थिक रूप से यह जाति पढ़ी लिखी और संपन्न थी। यह जाति अगड़ी थी। इस जाति के लोगों ने ब्रिटिश सरकार से खुद को मोड़ बनिया में शामिल करने की मांग की थी।

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