सुशील मोदी का बेतुका बयान, कहा-पितृपक्ष के कारण बिहार में घट गयी गाड़ियों की सेल, छायी मंदी

देश में छायी मंदी का असर बिहार में दिखने लगा है. बिहार में चार पहिये गाड़ियों की बिक्री में 15 फीसदी कमी आ गयी है. सावन-भादो के कारण मंदी का फार्मूला देकर विवादों में फंसे बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने अब एक नया फार्मूला दे दिया है. सुशील मोदी ने कहा है कि पितृपक्ष और खरमास के कारण मंदी छायी है, खरमास खत्म होते ही गाड़ियों की बिक्री बढ़ जायेगी.

दरअसल डिप्टी सीएम ने आज बिहार भर के वाहनों की डीलरों की बैठक बुलायी थी. बैठक में पटना में टाटा के डीलर गिन्नी मोटर्स के प्रतिनिधि ने कहा कि उन्होंने 18 सालों में इतनी भीषण मंदी कभी नहीं देखी. पिछले साल की तुलना में इस साल उनके शो रूम से वाहनों की बिक्री 60 फीसदी गिर गयी है. सरकार को तत्काल राहत का इंतजाम करना चाहिये. सभी डीलरों ने रजिस्ट्रेशन कॉस्ट और वाहन पर लग रहे GST को तत्काल कम करने का सुझाव दिया.

बैठक में मौजूद परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने भी माना कि बिहार में चार पहिये वाहनों की बिक्री में कमी पिछले साल एक महीने में 2300 ट्रक बिके थे. इस साल उसी अवधि में सिर्फ 2 हजार ट्रक बिके हैं. हालांकि बिहार में दो पहिया और तीन पहिया वाहनों की बिक्री बढ गयी है. तीन पहिया वाहनों की बिक्री में 50 फीसदी का ग्रोथ हुआ है.

डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि वाहन की बिक्री कम होने के पीछे कई कारण हैं. पितृपक्ष और खऱमास के कारण भी मंदी का माहौल है. खऱमास खत्म होते ही बिक्री सुधर जायेगी. सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में गाड़ियों की बिक्री में 4 फीसदी की गिरावट आयी है. लेकिन उन्होंने GST कम करने की किसी संभावना से इंकार कर दिया. डिप्टी सीएम ने कहा कि वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात करेंगे. बैंक के ब्याज और इंश्योरेंस के दर में कमी करने पर विचार होगा.

डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि झारखंड से रजिस्टर्ड गाडियों को बिहार में नहीं चलने दिया जायेगा. झारखंड में रजिस्टर्ड गाडियों का बिहार में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सरकार ने समय सीमा तय कर रखी है. अगर वाहन मालिक ने उस समय के भीतर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो उनकी गाड़ी बिहार में नहीं चलने दी जायेगी. राज्य सरकार इसके लिए जांच अभियान और तेज करने जा रही है.

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