सुषमा को सलाम, 9 दिनों में साइकिल से 1200 KM का सफर तय कर पहुुंची बेगूसराय, लोगों को देख रो पड़ी

ये हौसला कैसे झुके, ये आरजू कैसे रुके…ऐसे हौसले को सलाम….मकान मालिक ने कमरे से निकाल दिया तो एक महिला साइकिल पर एक डेगची खिचड़ी बनाकर उसे साइकिल के कैरियर पर बांध अपने 13 वर्षीय पुत्र के साथ निकल पड़ी। 12 सौ किलोमीटर के सफर कर अपने गांव छौड़ाही पहुंची। नौ दिनों के सफर में कभी ट्रक तो कभी बस से लिफ्ट लेते हुए छौड़ाही पहुंची महिला दूर से ही अपने गांव को देखकर रो पड़ी।

बेगूसराय की सुषमा दिल्ली में रहकर दूसरे के घरों में चौका-बर्तन कर अपना गुजारा चलाती थी। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलते ही लोगों ने घरों में प्रवेश करने से रोक लगा दी। जब सुषमा को कहीं काम नहीं मिला तो पेट भरने के भी लाले पड़ गए।

उसने बताया कि इस दौरान दिल्ली सरकार के कम्युनिटी किचन में कई दिन खाना खाया पर वहां भी आधा पेट ही भर पाता था। नौ दिन पहले मकान मालिक ने सुषमा का सारा सामान कमरे के बाहर निकाल दिया। कहा कि यहां नहीं रह सकती, जहां जाना है जाओ। सुषमा ने बताया कि उसने काफी मिन्नतें की पर मकान मालिक नहीं माना तो उसने घर में रखी पति की साइकिल उठाई और एक बड़े से केन में खाने को खिचड़ी बांधी। फिर अपने 13 साल के बच्चे को साइकिल पर बैठा 1200 किलोमीटर के सफर पर निकल गई।

नौ दिन साइकिल चलाकर जब वह अपने गांव छौड़ाही पहुंची तो उसकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। फिलहाल दोनों मां-बेटा जिले के क्वारंटाइन सेंटर में हैं। साइकिल से आती महिला को देख वहां ड्यूटी पर मुस्तैद पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए। जब उसने अपनी कहानी बताई तो अधिकारियों ने उसे मास्क लगाने को कहा और उसे पानी और बिस्किट दिया।

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