1977 में पहली बार और 2004 में आखिरी बार मुजफ्फरपुर आई थी सुषमा, सुबह तीन बजे तक देती रही भाषण

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मुजफ्फरपुर से 42 साल का नाता अमर हाे गया। सबसे पहले 1977 में वह पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए यहां अाई थीं अाैर आखिरी बार भी 2004 में उनके लिए ही चुनावी सभा की। वैसे इस बीच भी उनका यहां अाना-जाना लगा रहा। 1977 में जॉर्ज जेल में थे। तब उनके पक्ष में सुषमा स्वराज ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली। चाैक-चाैराहा से लेकर शहर के हर गली-माेहल्ले में बाइक से घूमना अाैर नुक्कड़ सभाएं करना। लाेग उनके भाषण के इस कदर कायल थे कि जब कंपनीबाग मैदान में जार्ज के पक्ष में जगजीवन राम की रात्रि 9 बजे सभा थी, तब उनके अाने में विलंब हाेने पर सुषमा स्वराज ने खुद माइक थाम लीं।

सुबह 3 बजे तक वह भाषण देती रहीं अाैर भीड़ इतनी बढ़ गई थी कि मैदान की चहारदीवारी ध्वस्त हाे गई। उस वक्त पूर्व एमपी दयानंद सहाय के छाेटे भाई विद्यानंद सहाय के प्रोफेसर काॅलाेनी के आवास पर उनका ज्यादा ठहराव हाेता था। नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि बहन काे खाेना देश अाैर उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। पार्टी नेता मनीष कुमार ने उन्हें याद कर कहा- आखिरी बार 2004 के आमचुनाव में बीबी कॉलेजिएट मैदान में उनकी सभा में मंच संचालन करने का सौभाग्य मिला था। राजद प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. इकबाल माे. समी के अनुसार, जॉर्ज के चुनाव में उन्होंने शहर ही नहीं गांव-गांव तक कैंपेन कर उनकी जीत में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थीं। पूर्व विधायक विवेकानंद सिंह के साथ गायघाट के जारंग हाई स्कूल में उनका भाषण सुनने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।

 

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