मंदिर में मोबाइल फोन और कैमरा ले जाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जनहित याचिका पर बड़ा फैसला

अगर आप मंदिर में भगवान के दर्शन करने के दौरान अपने साथ मोबाइल फोन या कैमरा ले जाते हैं तो सावधान हो जाइए. हाई कोर्ट ने इस बाबत बड़ा फैसला लिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मंदिरों में मोबाइल फोन और कैमरा ले जाने पर प्रतिबंध लगाया जाता है. क्योंकि इससे श्रद्धालुओं का ध्यान भटकता है और पूजा साधना करने में लोगों को परेशानी होती है. आदेश जारी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस आदेश को सख्त रूप से पालन किया जाए. तोड़ने वालों पर जरूरी कार्रवाई भी की जाए. आइए डिटेल में जानते हैं क्या है पूरा मामला…

मंदिर में कैमरा या फोन ले जाने पर यह आदेश पटना हाई कोर्ट का नहीं बल्कि तमिलनाडु हाईकोर्ट का है. हाई कोर्ट में बहस के दौरान जस्टिस आर महादेवन और सत्यनारायण की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. जज साहेब का कहना था कि आर्टिकल 25 सभी लोगों को अपने हिसाब से धार्मिक मान्यताओं को मानने का अधिकार देता है. हालांकि समय के साथ अगर कुछ बदलाव किया जाए तो इसमें कुछ गलत नहीं है. कोर्ट का कहना था कि मंदिर प्रशासन को इस बात की व्यवस्था करनी चाहिए कि मंदिर के अंदर कैमरा या मोबाइल लेकर कोई ना जा सके.

बताते चलें कि तमिलनाडु हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें एक वरिष्ठ साधक अरुल्मिगु सुब्रह्मण्य स्वामी ओर से कहा गया था कि मंदिर में रोजाना हजारों लाखों श्रद्धालु आते हैं. मोबाइल फोन पर सेल्फी खींचते हैं. इतना ही नहीं यह लोग मना करने के बाद भी भगवान और गर्भ गृह की तस्वीर को भी कैप्चर करते हैं. कुछ लोग तो दूसरे आदमी अर्थात लड़के लड़कियों की तस्वीर को भी खींचते देखे जा सकते हैं. याचिकाकर्ता का कहना था कि तमिलनाडु के कुछ मंदिरों में मोबाइल फोन और कैमरे पर प्रतिबंध है इस नियम को पूरे राज्य में लागू किया जाना चाहिए.

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