बिहार में शिक्षक बहाली पर पटना हाईकोर्ट ने लागाई रोक, 2016 से 2019 में बीएड करने वालों को झटका

PATNA- 2016 से लेकर 2019 तक बीएड की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों के लिए बुरी खबर है। बताया जा रहा है कि पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद इन छात्रों को टीचर बनने से रोक लगा दी गई है। शिक्षा नियोजन विभाग बिहार सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार पटना को छोड़कर पूरे बिहार में चल रही छठे चरण के माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति में 2016 से 18 और 2017 से 2019 में बीएड की डिग्री हासिल करने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पर शिक्षा विभाग ने रोक लगा दी है। इस मामले के बारे में बताया जाता है कि पटना हाईकोर्ट में 15 सितंबर को एक याचिका दर्ज किया गया था। इस पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने तत्काल इस पर रोक लगाई है। कोर्ट के अनुसार इस श्रेणी के अभ्यर्थी जो अंतिम रूप से टीचर बहाली में चयनित हो चुके हैं उन पर भी फिलहाल रोक लगाई जाती है।

एलपीए में आवेदकों पर आपत्ति की गई

विदित है कि छठे चरण के शिक्षक नियोजन को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर विभाग ने 26 सितम्बर 2019 को एक निर्देश जारी किया था। चूंकि इस नियोजन में 2011 एसटीईटी उत्तीर्ण (ट्रेंड व अनट्रेंड) अभ्यर्थी सहभागी हैं और इसका रिजल्ट 2012 में आया था। 2019 जुलाई में आए नियोजन विज्ञापन में कहा गया था कि रिजल्ट के अगले पांच साल में बीएड करने वाले एसटीईटी उत्तीर्ण अप्रशिक्षित अभ्यर्थी भी आवेदक होंगे। बाद में कोर्ट के आदेश से ही बीएड उत्तीर्णता का वर्ष 2019 तक पहुंच गया। इसी के अनुपालन में 2016 से 2019 तक बीएड करने वालों का भी आवेदन बाद में लिया गया। एलपीए में इन्हीं आवेदकों पर आपत्ति की गई है।

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