PATNA (Teacher salary in Bihar is higher than Head Master, no one wants to become Head Master) :अगर आपसे पूछा जाए कि किसी स्कूल में हेड मास्टर की सैलरी अधिक होगी या टीचर की तो आपका जवाब होगा कि भैया यह कौन सा सवाल है, जाहिर सी बात है प्रधान शिक्षक अर्थात हेडमास्टर की सैलरी 100% अधिक होगी. लेकिन यह बिहार है यहां कुछ भी संभव है. जो कहीं नहीं होता वह बिहार में दिख जाता है. ताजा अपडेट के अनुसार बिहार सरकार शिक्षा विभाग द्वारा प्रधान शिक्षकों की बहाली हो रही है. इसके लिए नई भर्ती प्रक्रिया को आधार बनाया गया है. 2022 में वैकेंसी निकाली गई और साल 2024 में परीक्षा लेने के बाद रिजल्ट दिया गया है.
लेकिन जो लोग परीक्षा पास कर प्रधान शिक्षक बने हैं उनके सामने एक परेशानी का सबब यह है कि पहले उनकी सैलरी अधिक थी अब अगर वह प्रधान शिक्षक बनते हैं तो उनकी सैलरी पहले से घट जाएगी. आसान भाषा में कहा जाए तो शिक्षक रहते जितनी उनकी सैलरी है प्रधान शिक्षक बनने के बाद उनकी सैलरी कम हो जाएगी. यही कारण है की परीक्षा पास करने के बाद भी लोग प्रधान शिक्षक नहीं बनना चाहते हैं.
क्या कहते हैं शिक्षक
पटना सहित बिहार के अधिकांश प्रधान शिक्षक परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों का कहना है कि हमारे पास पिछले 10 साल से 15 साल का अनुभव है और ऑलरेडी हम लोग बिहार सरकार के विभिन्न सरकारी स्कूलों में बतौर शिक्षक काम कर रहे हैं. हमें पता है कि प्रधान शिक्षक बनने के बाद हमारी सैलरी घट जाएगी. समझ में नहीं आ रहा है कि शिक्षक की नौकरी छोड़कर प्रधान शिक्षक बने या ना बने.
क्या कहते हैं शिक्षा मंत्री
बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि प्रधान शिक्षक के पद पर चयनित शिक्षकों की समस्या के बारे में जानकारी मिली है इसको लेकर विभागीय बैठक होगी इसके आधार पर ही आगे का फैसला लिया जाएगा.
क्या कहते हैं शिक्षक संघ के नेता
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के सचिव आनंद मिश्रा कहते हैं कि नियोजित शिक्षक से प्रधान शिक्षक बनने के साथ ही पद बढ़ गया लेकिन पैसे में कमी आई है, 2000 के बाद नियुक्त नियोजित शिक्षकों का मूल वेतन प्रधान शिक्षक से अधिक है, ऐसे में सरकार को मौजूदा वेतनमान से अधिक प्रधान शिक्षक के पद के वेतन का निर्धारण करना चाहिए
प्रधान शिक्षक और शिक्षक के वेतन में कितना अंतर है
जब हमने पूछा कि आप लोग प्रधान शिक्षक परीक्षा पास कर चुके हैं और अब आपको प्रधान शिक्षक बनना है तो उन शिक्षकों का कहना था कि प्रधान शिक्षक और पुराने नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में कुल 850 रुपए का अंतर है. जो लोग साल 2010 से पहले शिक्षक बने थे उनका मूल वेतन 31340 है जबकि प्रधान शिक्षक का मूल वेतन 30500 रुपया है. आसान भाषा में कहा जाए तो वास्तविक वेतन में 4000 से ₹5000 का अंतर आता है.