एक शिक्षिका पहले डीएसपी बनीं फिर तीन बार क्रैक किया UPSC और बनी IAS अफसर

IAS बनने के लिए अभ्यर्थी देश की सबसे मुश्किल परीक्षा यूपीएससी की तैयारी में अपने जीवन के कई वर्ष गुजार देते हैं। कई ऐसे अभ्यर्थी भी होते हैं, जो इसकी तैयारी में कई उतार-चढ़ाव के बावजूद तैयारियों को जारी रखते हुए यूपीएससी क्रेक कर आईएएस अफसर बनते हैं। ऐसे ही एक कहानी पूनम दलाल की है, जिन्होंने तीन बार यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की‌। पूनम की यह कहानी सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है।

हरियाणा के झज्जर जिले से आने वाली पूनम दलाल दहिया महज 21 साल की उम्र में ही सरकारी विद्यालय में शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। इसी दौरान बैंक पीओ की परीक्षा दी और यहां भी उन्होंने सफलता हासिल की। शिक्षक की नौकरी छोड़ पूनम बैंक में नौकरी करने लगी‌। बैंक की नौकरी करते हुए पूनम ने कर्मचारी चयन आयोग (SCC) की परीक्षा दी यहां उन्होंने सफलता पाते हुए ऑल इंडिया में 7 वीं रैंक हासिल की। इसके बाद भी पूनम विभिन्न परीक्षाओं में किस्मत आजमाती रही, 28 साल की उम्र में पूनम ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता पा ली। मनपसंद रैंक ना मिलने के बाद पूनम ने तैयारी को आगे जारी रखा।

दूसरे प्रयास में भी पूनम को यूपीएससी परीक्षा में सफलता मिली, इस बार कम रैंक होने के कारण उनको रेलवे सर्विस मिला। पूनम को यह बात नागवार गुजरा उन्होंने तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा देने की ठानी। सिविल सर्विसेस परीक्षा में जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों की अधिकतम उम्र सीमा 30 साल होती है, जिसके चलते पूनम को निराश होना पड़ा। तभी किस्मत ने बाजी मारी, जिन उम्मीदवारों ने 2011 में परीक्षा दी थी, वैसे उम्मीदवारों को एक बार और मौका मिले ऐसा सरकार ने घोषणा की।

जब पूनम ने साल 2015 में तीसरी बार यूपीएससी प्री परीक्षा दी तब वह गर्भवती थी, बाबजूद इसके उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यूपीएससी का रिजल्ट जारी हुआ, तब उनका बेटा ढाई महीने का हो गया था। इस बार पूनम ने बेहतरीन रैंक के साथ यूपीएससी में सफलता का परचम लहरा दिया‌। इंडियन रेवेन्यू सर्विस मिला और पूनम टैक्स विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर है, पूनम इससे पहले हरियाणा में डीएसपी के पद पर भी रह चुकी है। पूनम ने यह साबित कर दिया कि किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो उसे पूरा किया जा सकता है। पूनम की सफलता और संघर्षों से भरी कहानी लाखों छात्राओं के लिए प्रेरणा है।

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