सुबह-सुबह दही-चीनी खिलाकर हुआ नई नवेली दुल्हन का स्वागत, देखिए तेजस्वी के घर के अंदर की फोटो

ROHINI ACHARYA : रिश्तों की नई डोर है, ख़ुशियों की भोर है. यह रिश्ता प्रेम, अपनत्व, भरोसे, अपनापन का संगम है. यह एक नई सुखद भोर की शुरुआत है. एक नए सपने की शुरुआत है.यह ज़िम्मेदारी और नए एहसास का सफ़र है. यह समय है ख़ुशियों में शरीक होने का. यह समय है एक बेटी के कदमों को घर में पूजने का. यह वक्त है बड़े – बुजुर्गों द्वारा प्रेम-आशीर्वाद देने का.

एक दूसरे के हाथ थामे इस प्यारे जोड़े को अभी सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके मोहब्बत की ज़रूरत है. जो उम्र में बड़े हैं सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दीजिए. जो छोटे हैं वह अपना प्यार दीजिए.सुखद बेला में कुछ भी न अशुभ बोला जाता है. न पूछा जाता है. इतनी साधारण समझ हम सब में होनी चाहिए.

ख़ुशियों के इस नई सुबह को दोनों को जीने दीजिए. जो निजी है उसे निजी रूप में हम सबको स्वीकार करना सीखना होगा. सार्वजनिक जीवन के भी कुछ निजी हिस्से होते हैं. यह एक व्यक्ति के तौर पर सबका अपना निजी अधिकार है. अपनी आत्मा को शुद्ध रखना. आत्मीय संबंधों का सम्मान करना. सबका सम्मान करना, समान मानवीय गुण होना चाहिए.

इतनी साधारण सलाहियत नहीं है तो फिर खुद पर विचार करने की भी ज़रूरत है. मीडिया के साथियों से भी अनुरोध है आप सब भी इन साधारण मानवीय गुणों को आत्मसात करें. दोनों को फिर से ढ़ेर सारी शुभकामानएँ. हमेशा ख़ुश रहो, प्रसन्न रहो. हाथ थामे – थामे बढ़ते जाना है, एक दूसरे का साथ निभाते जाना है.

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