आओ बन्द कश्मीर में मंदिर-मंदिर खेलें

PATNA : कश्मीर में मंदिरों को लेकर शोरगुल हमेशा से रहा है। आडवाणी जी ने फरवरी 1991 में कहा कि सभी राजनैतिक पार्टियाँ बाबरी के बारे में बोल रही हैं लेकिन किसी ने कश्मीर में तोड़े गए 55 मंदिरों के बारे में कुछ न कहा। बाबरी मस्जिद गिरने के कुछ महीनों बाद उन्हीं आडवाणी जी ने कहा कि कश्मीर में 40 मंदिर तोड़ दिए गए और सब चुप रहे। भाजपा के तत्कालीन महासचिव केदारनाथ साहनी ने कहा सैकड़ो मंदिर गिरा दिए गए। भाजपा का केंद्रीय दफ़्तर यह संख्या 46 बता रहा था, जबकि भाजपा का जम्मू कार्यालय 82। 1993 में आडवाणी जी ने कहा कि मुझे सही संख्या नहीं पता। संख्या महत्त्वपूर्ण नहीं।

बीजेपी ने कथित रूप से तोड़े गए मंदिरों एक सूची भी ज़ाहिर की। इंडिया टुडे की पत्रकार हरिंदर बावेजा कश्मीर गईं और उस लिस्ट में 23 वर्णित मंदिरों का दौरा किया। पाया गया कि इसमें से सिर्फ़ 2 को नुकसान पहुंचाया गया है। उस लिस्ट में तुलमुला के खीर भवानी मंदिर को रॉकेट से नष्ट करना बताया गया था जहाँ पिछले साल मैं होकर आया। बावेज़ा की स्टोरी इंडिया टुडे के 28 फरवरी 1993 अंक में “डैमेजिंग लाई” के नाम से छपी थी।

कश्मीर और कश्मीरी पण्डित के लिए रिसर्च करते हुए मैने इनमें से कई मंदिर देखे। साथ मे उत्तर से दक्षिण तक कई गाँवों में गया जहाँ पंडितों के एक या दो घर हैं। मन्दिर उन जगहों पर भी हैं और सुरक्षित हैं। श्रीनगर में शंकराचार्य हो या गणपत्यार तुलमुला की खीर भवानी मट्टन के मंदिर, सबमें पूजा-अर्चना जारी है। किताब में फ़ोटो सहित डिटेल्स होंगी।

हां एक किस्सा और – श्रीनगर में साथु बर्बरशाह के मंदिर के पास कोई 375 कैनाल की जगह है। पलायन के बाद इस मंदिर की देखभाल उत्तर प्रदेश के बाबा गोपाल दास, राम दास और बिहार के जयराम दास कर रहे थे। इन लोगों ने ज़मीन का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली के और स्थानीय व्यापारियों को लीज पर बेच दिया। कुलदीप नारायण जग्गी नामक व्यक्ति ने इस पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनवाया तब लोगों को पता चला। एक पुरानी प्रतिमा भी ग़ायब है। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के संजय टिक्कू ने बताया कि इसमें पुजारियों और व्यापारियों ने कोई ढाई करोड़ रुपये कमाए। आप कश्मीर लाइफ की 8 अप्रैल 2013 की रिपोर्ट टेम्प्टेड टेम्पोरेलिटी देख सकते हैं।

पलायित/विस्थापित पंडितों की आमतौर पर स्वीकृत संख्या है डेढ़ से ढाई लाख के बीच। 50 हज़ार मंदिर यानी लगभग हर चार लोगों के लिए एक मंदिर वह भी तब अगर सब लौट आएं। इस हिसाब से 70 लाख मुसलमानों के लिए कितनी मस्जिदों की दरकार होगी? मस्त खेल है न? बाक़ी आप सब विद्वान हैं, समझदार हैं, समझना-समझाना क्या है।

वैसे प्याज़ का भाव क्या है आज?

-Ashok Kumar Pandey

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