चमकी बुखार का कारण पता चला, लीची नहीं ग्लूकोज की कमी से मरे 200 बच्चे

पटना : मुजफ्फरपुर में 200 बच्चों की मौत की वजह चमकी बुखार होने का कारण पता चल गया है। पिछले पांच साल से मुजफ्फरपुर में बच्चे चमकी बुखार से मर रहे हैं और इसकी वजह लीची खाना बताई जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोमहाइपोग्‍लाइकेमिक (लो ब्‍लड शुगर) से संबंधित है। ये फीवर शरीर में ग्लूकोज की कमी से होता है और इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण ये मासूमों को अपनी चपेट में ले लता है।

ग्लूकोज के नॉर्मल लेवल क्या है? सामान्‍य ग्‍लूकोज का स्‍तर बने रहने से आपको शरीर प्रभावी और सेहतमंद तरीके से काम करता है। ग्‍लूकोज पर विशेष ध्‍यान डायबिटीक लोगों को देना चाह‍िए। खाने से पहले, एक हेल्दी लेवल 90-130 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/ डीएल) होती है। एक या दो घंटे के बाद, यह 180 मिलीग्राम/ डीएल से कम होना चाहिए।

क्‍या है चमकी बुखार? चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोमएक तरह का मस्तिष्क बुखार है, जिससे बच्चे की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। इस बुखार के लक्षण सामान्‍य बुखार की तरह होता है। जैसेजैसे ये बुखार बढ़ता जाता है तो आपके शरीर में ऐंठन आने लगती है और फिर धीरेधीरे ये दिमाग पर भी चढ़ने लगता है।

चमकी बुखार के लक्षण चमकी में पहले तेज बुखार आता है। बच्चों के शरीर में ऐंठन हाेने लगता है। साथ ही ब्लड शुगर लो हो जाता है। बच्चे तेज बुखार की वजह से बेहोश हो जाते हैं। जबड़े और दांत कड़े हो जाते हैं। बुखार के साथ ही घबराहट भी शुरू होती है और कई बार कोमा में जाने की स्थिति भी बन जाती है। अगर बुखार के पीड़ित को सही वक्त पर इलाज नहीं मिलता है तो उसकी मौत होने की सम्‍भावाना बढ़ जाती है।

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