इस मंदिर में गणपति के स्त्री रूप की होती है पूजा, जानें इस प्रथा के पीछे का चौंकाने वाला सच

New Delhi: जाहिर है इन दिनों देश में हर तरफ गणपति बप्पा मोरया की गूंज सुनने को मिल रही है। हर कोई बप्पा की भक्ति में डूबा हुआ है और पूजा अर्चना करता नजर आ रहा है। वहीं हम आपको इस ख़ास मौके पर कुछ ऐसे मंदिरों और भगवान गणेश से जुडी ऐसी बात बताने जा रहे हैं जहां पर बप्पा को एक अलग ही अवतार में पूजा जाता है।

जी हां देश में गणेश भक्ति की काफी अहमियत है और लोग कोई भी शुभ कार्य करने से पहले बप्पा की आराधना करना नहीं भूलते हैं। गौरतलब है कि, इन दिनों गणेश चतुर्थी की धूम देखने को मिल रही है और हर कोई बप्पा की भक्ति में लीन हैं। गणेश चतुर्थी पर देश के मंदिरों में काफी भीड़ होती है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को किसी भी शुभ कार्य से पहले पूजा जाता है। हमारे देश में बप्‍पा के ऐसे कई अनोखे मंदिर हैं जिनकी अपनी अलग प्राचीन मान्‍यता है।

आज हम आपको कुछ ऐसे अनोखे गणेश जी के मंदिर के बारे में बताएंगे जहां गणपति जी की स्त्री अवतार में अराधना होती है। हिंदू धर्म में इसको एक पर्व की तरह सेलिब्रेट किया जाता है और हर कोई 10 दिनों तक बप्पा की भक्ति में पूरी तरह से लीन रहता है। वहीं देश में कई ऐसे मंदिर भी हैं जहां पर गणपति बप्पा को स्त्री के रूप में पूजते हैं। जाहिर है इस बात को सुनकर आपको काफी हैरानी हो रही होगी, लेकिन कुछ तस्वीरें हैं जो सोशल मीडिया पर भी काफी वारयल हैं और लोग इनको काफी अधिक शेयर कर रहे हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, गणेश जी के इस स्त्री अवतार को विनायकी कहा जाता है। काशी और उड़ीसा में गणेश जी के ऐसे स्‍वरूप की पूजा भी होती है। विनायकी देवी अपने एक हाथ में युद्ध परशु और दूसरे हाथ में कुल्‍हाड़ी थामे रहती हैं। कहा जाता है कि सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु से लेकर इंद्र और अर्जुन तक को किसी न किसी वजह से स्त्री रूप धारण करना पड़ा था। लेकिन ये बात कम ही लोग जानते हैं कि गणेश जी को भी एक बार स्त्री रुप धारण करना पड़ा था।

गणेश के विनायकी रूप की मूर्तियां देश के कई मंदिरों में देखने को मिल जाएंगी जिसमें से तमिलनाडु के चिदंबरम मंदिर, जबलपुर के पास चौसठ योगिनी मंदिर आदि में ऐसी प्रतिमाएं देखी जा सकती हैं।

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