इस बार हाथी पर हो रहा है माता का आगमन, 29 से शुरू हो रहा है शारदीय नवरात्र

अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 29 सितंबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहा है। इस बार किसी तिथि का क्षय नहीं है, इसलिए पहली बार कलश स्थापित कर माता की आराधना करने वाले भक्तों के लिए इस बार का नवरात्र हर तरह से शुभकारी है। 29 सितंबर को विधि विधान से कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा का आवाह्न होगा। शारदीय नवरात्र काे लेकर शहर में तैयारियां शुरू हाे गई हैं। पूजा पंडालाें का निर्माण शुरू हाे गया है। कलाकार शहर में स्थापित की जाने वाली प्रतिमाओं काे अंतिम स्वरूप देने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

पंडितों अाैर ज्योतिषियों के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा का आगमन हर तरह से शुभ है। क्योंकि माता दुर्गा का आगमन हाथी पर हाे रहा है। ज्याेर्तिवेद विज्ञान केंद्र के निदेशक डाॅ. राजनाथ झा के अनुसार हाथी पर माता का आगमन बारिश अाैर उन्नत कृषि के साथ सुख-समृद्धि का प्रतीक है। मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। इस कारण अधिक बारिश होगी। साथ ही अनाज की पैदावार भी अधिक होगी। किसान खुशहाल होंगे। देश की राजनीति में उथल-फुथल हो सकती है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की शक्ति बढ़ेगी। मां दुर्गा का आने-जाने का मिश्रित फल के अनुसार स्थिति सामान्य रहेगा।

इस बार कलश स्थापन के लिए बहुत ही शुभ नक्षत्र अाैर याेग का संयाेग बन रहा है। हस्त नक्षत्र से युक्त अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा कलश स्थापना के लिए सर्व मंगलकारी है। 28 सितंबर की रात 11:14 बजे से हस्त नक्षत्र शुरू हाे रहा है, जाे 29 की रात 9:40 बजे तक है। रविवार काे ब्रह्म मुहूर्त से दिन के 2:08 बजे तक एक साथ ब्रह्म, सर्वार्थ सिद्धि अाैर अमृत याेग है। इसके अलावा कन्या, तुला, वृश्चिक अाैर धनु राशि पड़ रही है। नक्षत्र, याेग अाैर राशि के हिसाब से सुबह से लेकर दाेपहर 2 बजे तक कलश स्थापन करना अत्यंत शुभ लाभ प्रद है।

6 अक्टूबर काे संधि पूजा हाेगी। दिन के 2.15 बजे तक महाअष्टमी अाैर इसके बाद महानवमी शुरू हाे जाएगी। 6 अक्टूबर काे दिन के दाे बजे से संधि पूजा हाेगी। इसी दिन कन्या पूजन भी हाेगी। इस बार शारदीय नवरात्र पर किसी भी तिथि का लाेप नहीं है। 7 अक्टूबर काे दिन के 3:04 बजे तक महानवमी है। जाे लाेग घराें में कलश स्थापित कर मां की अराधना करेंगे, वे नवमी तिथि समाप्त हाेने से पहले हवन का कार्य संपन्न करेंगे।

मां की सवारी दिन के हिसाब से तय होती है– सोमवार को मां की सवारी : हाथी।- मंगलवार को मां की सवारी : अश्व यानी घोड़ा।- बुधवार को मां की सवारी : नाव।- गुरूवार को मां की सवारी : डोली।- शुक्रवार को मां की सवारी : डोली।
– शनिवार को मां की सवारी : अश्व यानी घोड़ा।- रविवार को मां की सवारी : हाथी।

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