PATNA (Top 10 Shiva temples of Bihar and Jharkhand, crowds flock to Shivratri, Shiva procession goes out in great pomp) :आज शिवरात्रि है, अर्थात वह दिन जिसे भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस पर्व को बिहार सहित पूरे देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। सुबह से ही लोग स्नान कर शिवालयों में पूजा करने पहुंच जाते हैं और पूजा करने वाले लोगों की यह भीड़ दिनभर लगी रहती है। शाम के समय धूमधाम से शिव बारात निकाल कर नगर भ्रमण करने के बाद धूमधाम से विवाह का आयोजन किया जाता है।
आज इस आर्टिकल में हम आपको बिहार झारखंड के कुछ प्रसिद्ध शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।
बाबा बैद्यनाथ : सबसे पहले बात कर लेते हैं बाबा बैद्यनाथ के बारे में। बाबा बैजनाथ का यह विश्व प्रसिद्ध मंदिर पहले बिहार में हुआ करता था लेकिन अलग राज्य बन जाने के बाद अब यह झारखंड के देवघर जिले में स्थित है। इस मंदिर पर बिहार के लोगों की आस्था इतनी है कि हर घर से साल में कम से कम एक आदमी एक बार पूजा करने यहां जरूर जाते हैं और बाबा भोलेनाथ पर जल चढ़ाते हैं। यहां का सावनी मेला तो विश्व भर में प्रसिद्ध है। शिव जी को मिथिला में दामाद माना जाता है इसीलिए मिथिला क्षेत्र के लोग शिवरात्रि से पहले सरस्वती पूजा के दिन कांवर में जल भरकर जाते हैं और बाबा भोलेनाथ का तिलक उत्सव मनाते हैं।
सुल्तानगंज : दूसरा सुल्तानगंज स्थित अजगैबी नाथ मंदिर। यह मंदिर भागलपुर जिला के सुल्तानगंज में गंगा किनारे स्थित है और यहां पर भी श्रावणी मेला का आयोजन होता है, लोग यहां कांवर में जल भरते हैं और अजगैबीनाथ बाबा की पूजा करने के बाद देवघर स्थित बाबा बैजनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करते हैं।
बासुकिनाथ मंदिर : यह मंदिर भी झारखंड के दुमका जिले में स्थित है और यहां हर साल लाखों लोग बाबा बासुकीनाथ का दर्शन करने आते हैं। कहा जाता है कि जो लोग बाबा बैद्यनाथ की पूजा करने जाते हैं उनकी पूजा तब तक पूरी नहीं होती जब तक बासुकिनाथ बाबा की पूजा ना की जाए। इसीलिए सुल्तानगंज से जल भरने वाले कावड़िए दो डिब्बों में जल भरते हैं एक बाबा बैजनाथ के लिए और दूसरा बासुकिनाथ बाबा के लिए।
हरिहर मंदिर : यह मंदिर बिहार के वैशाली जिले में स्थित है और यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान विष्णु और भगवान शिव एक साथ स्थापित हैं। कहा जाता है कि यहीं पर गज और ग्राह के बीच लड़ाई हुई थी और गज को बचाने के लिए भगवान विष्णु दौरे दौरे चले आए थे। इसी स्थान पर विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला भी लगता है।
सिंघेश्वरस्थान : बिहार के मधेपुरा में सिंघेश्वर स्थान अर्थात बाबा सिंहेश्वर विराजमान है। इसके बारे में कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने स्वयं इस महादेव मंदिर का निर्माण किया है। यहां का शिवरात्रि मेला बिहार में नंबर वन है। आसान भाषा में कहा जाए तो शिवरात्रि का जो मेला सिंघेश्वर स्थान में लगता है वह कहीं नहीं लगता।
कुशेश्वरस्थान : दरभंगा जिले में स्थित बाबा कुशेश्वरस्थान की महिमा को कौन नहीं जानता है। यह दरभंगा, सहरसा और खगड़िया जिले के बॉर्डर पर स्थित है। इस मंदिर में पूजा करने के लिए सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, खगरिया सहित आसपास के विभिन्न जिले के लोग यहां पहुंचते हैं और बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं।
कपिलेश्वर स्थान : बिहार के मधुबनी जिले के राहिका प्रखंड में स्थित है बाबा कपिलेश्वर का प्रसिद्ध मंदिर। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि राजा जनक भी यहां पर भगवान भोलेनाथ की पूजा करने आया करते थे। कभी यहां कपिल मुनि का आश्रम हुआ करता था। सावन के महीने में जयनगर स्थित कमलाघाट से लोग जल भरकर पैदल चलकर आते हैं और बाबा कपिलेश्वर पर चढ़ाते हैं।
एकादश रूद्र महादेव : आपने कई शिव मंदिरों को देखा होगा लेकिन एकादश रूद्र महादेव मंदिर अपने आप में ऐतिहासिक है क्योंकि यहां एक साथ 11 शिवलिंग विराजमान है और भक्तों को दर्शन देते हैं। यह मंदिर बिहार के मधुबनी जिले के राजनगर प्रखंड के मंगरौनी गांव में स्थित है।
उगना महादेव : बिहार के मधुबनी जिला के पंडौल रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर भवानीपुर में स्थित है उगना महादेव का मंदिर। कहा जाता है कि यहां स्वयं प्रकट होकर बाबा भोलेनाथ ने कवि कोकिल विद्यापति को जल पिलाया था। एक कहानी के अनुसार बाबा भोलेनाथ नौकर बनकर विद्यापति के यहां चाकरी करने आए थे और एक यात्रा के दौरान जब बीच जंगल में विद्यापति को प्यास लगी तो उन्होंने अपने जटाओं से गंगा निकाल कर विद्यापति को पिलाया था। यह वही स्थान है जहां विद्यापति द्वारा संदेह प्रकट करने के बाद भगवान भोलेनाथ ने विद्यापति को अपने असली रूप का दर्शन दिया था।
इसके अलावा बक्सर का ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर। मुजफ्फरपुर का गरीब नाथ मंदिर। गया का कोटेश्वर नाथ धाम। सिवान का महेंद्र नाथ मंदिर। वैशाली का चौमुखी महादेव मंदिर। कैमूर का मुंडेश्वरी धाम बिहार का विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से शामिल है