परिवहन मंत्रालय का आदेश- बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ने पर वृद्धाश्रम में करना होगा मुफ्त में काम

PATNA : संशाेधित मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद अगर कोई बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ता है तो उसे सुधारने के लिए सजा के ताैर पर सामुदायिक सेवा का काम सौंपा जा सकता है।

इसका कानून बन चुका है और सड़क परिवहन मंत्रालय ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अब संबंधित अथाॅरिटी और ट्रैफिक पुलिस भी नियमाें की अनदेखी करने वालों को एेसी सजा दे सकती है। देश में आैसतन सालाना करीब 8 करोड़ चालान होते हैं। ज्यादातर वाहन चालक एक चालान भरने के बाद ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं लेकिन कुछ लाेग इसके बाद भी ट्रैफिक नियमों के प्रति गंभीर नहीं होते। इन्हें सुधारने के लिए परिवहन मंत्रालय ने सामुदायिक सेवा का कानून बनाया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी कह चुके हैं कि जुर्मानाें की रकम बढ़ाने का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना नहीं, बल्कि ट्रैफिक नियमों का पालन कराना और लोगों की जान बचाना है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ लोग ट्रैफिक नियमाें का पालन करने के बजाय बार-बार जुर्माना भरने काे तैयार रह सकते हैं। इन्हें ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए सामुदायिक सेवा का कानून बनाया गया है।

मोटरवाहन कानून से जल्द जुडे़गा आधार : केंद्रीय विधि-न्याय, संचार-इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोटरवाहन कानून से आधार पहचान पत्र को जल्द जोड़ा जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। आधार के जरिये 7 लाख 93 हजार 811 करोड़ अबतक सीधे लाभुकों के खाते में भेजे गए हैं, जबकि एक लाख 47 हजार 677 करोड़ की बचत हुई है। आधार एक डिजिटल पहचान पत्र है। वर्ष 2013-14 में जहां इसके माध्यम से दो लाख रुपये प्रतिमाह का ट्रांजेक्शन होता था, वहीं वर्तमान में 20 करोड़ का ट्रांजेक्शन हो रहा है।

श्री प्रसाद शनिवार को यहां के एक होटल में बिहार के पहले आधार सेवा केंद्र के उद्घाटन के बाद आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसके पूर्व उन्होंने न्यू डाकबंगला रोड स्थित उत्सव होटल के समीप स्थित साईं टावर में ‘आधार सेवा केंद्र’ का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मंगलवार को छोड़कर सभी कार्यदिवस को सुबह 9.30 बजे से 5.30 बजे तक यह केंद्र कार्य करेगा। यह देश का 10 वां केंद्र है। देश में 53 शहरों में कुल 114 आधार सेवा केंद्र स्थापित किए जाने हैं।

डीएल के फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी: मोटरवाहन कानून में आधार कार्ड को जोड़ने से ड्राइविंग लाइसेंस के फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। अभी डीएल में आधार को पहचान पत्र के रूप में अनिवार्य नहीं किया गया है। लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया तो लोग जाली डीएल नहीं बना पाएंगे। अभी गलत आवासीय पता के आधार पर जाली लाइसेंस बनाने की शिकायतें आ रही हैं। आधार कार्ड अनिवार्य कर देने पर वाहन मालिक का पूरा ब्योरा भी परिवहन विभाग के पास आ जाएगा। साथ ही विभाग को यह भी जानकारी मिल जाएगी कि किस व्यक्ति के पास कितने वाहन हैं।

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