Trump nobel peace prize: भारत-पाक संकट में मध्यस्थता के लिए ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए पाकिस्तान ने किया नामांकित

By Rajveer

Published on:

Trump nobel peace prize

Trump nobel peace prize: पाकिस्तान ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। पाकिस्तान का कहना है कि ट्रंप ने भारत-पाक के बीच हाल ही में बढ़े तनाव को शांत करने में अहम भूमिका निभाई।

क्या है पूरा मामला?

पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव के दौरान जिस तरह से कूटनीतिक समझदारी और नेतृत्व दिखाया, वह उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार का हकदार बनाता है।

यह घोषणा तब हुई जब ट्रंप ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अब तक कई बार नोबेल पुरस्कार मिल जाना चाहिए था, लेकिन यह पुरस्कार सिर्फ “उदारपंथियों” को ही दिया जाता है।

किस वजह से ट्रंप को नामित किया गया?

पाकिस्तान के अनुसार, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंक के अड्डों पर हमला किया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की।

इसे भी पढे: प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज ‘चिनाब ब्रिज’ का किया उद्घाटन, तिरंगा लहराकर दिखाई भारत की ताकत

ऐसे में ट्रंप ने दोनों देशों से बातचीत की, शांति बनाए रखने का आग्रह किया और सीज़फायर की स्थिति बनवाई, जिससे बड़े युद्ध को रोका जा सका। पाकिस्तान का कहना है कि अगर ट्रंप की यह पहल नहीं होती तो दो परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता था, जिससे पूरे क्षेत्र और लाखों लोगों पर खतरा मंडरा सकता था।

पाकिस्तान ने क्या कहा?

पाकिस्तान सरकार ने अपने बयान में लिखा:

“इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव के समय राष्ट्रपति ट्रंप ने बहुत ही दूरदर्शिता और कुशल नेतृत्व दिखाया। उन्होंने भारत और पाकिस्तान से संवाद कर स्थिति को बिगड़ने से रोका। यह उनके शांतिप्रिय दृष्टिकोण और कूटनीतिक समझदारी का प्रमाण है।”

सरकार ने यह भी जोड़ा कि ट्रंप ने जम्मू-कश्मीर विवाद को सुलझाने में मदद करने की भी ईमानदार कोशिश की

ट्रंप ने खुद क्या कहा?

ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा:

“मैंने भारत-पाक युद्ध रोका, रूस-यूक्रेन और ईरान-इज़राइल संकटों को संभालने की कोशिश की, लेकिन मुझे नोबेल शांति पुरस्कार कभी नहीं मिलेगा।”

उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मिलकर कॉन्गो और रवांडा के बीच दशकों पुराने युद्ध को खत्म कराने का समझौता तैयार किया, जिसकी दस्तावेजी प्रक्रिया सोमवार को वॉशिंगटन में होगी।

इसे भी पढे: गैंडों की सुरक्षा को लेकर सक्रिय योगी सरकार, Dudhwa National Park में बनेंगे दो पुनर्वास केंद्र

क्या ट्रंप को मिलेगा नोबेल?

नोबेल पुरस्कार किसी भी देश द्वारा नामित व्यक्ति को नहीं, बल्कि नोबेल समिति द्वारा मूल्यांकन के बाद ही दिया जाता है। ट्रंप को पहले भी कई बार नामित किया जा चुका है, लेकिन अब तक उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिला है।

निष्कर्ष:

पाकिस्तान का ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करना एक बड़ा राजनीतिक संदेश है। यह भारत-पाक तनाव को लेकर उनकी भूमिका की अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति दिखाने की कोशिश हो सकती है। हालांकि, पुरस्कार मिलना या न मिलना नोबेल समिति पर निर्भर करता है।