यूपी के ईमानदार विधायकों की कहानी, किसी के पास ना रहने को घर तो किसी के पास नहीं है साइकिल-कार

PATNA-उत्तर प्रदेश में इन दिनों विधान सभा का चुनाव चल रहा है। दो चरणों का इलेक्शन संपन्न हो चुका है। सत्ता पक्ष जहां कांग्रस और सपा नेताओं को भ्रष्ट बता रहा है वहीं विपक्ष मोदी—योगी पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इस चुनावी समर का परिणाम चाहे जो हो लेकिन मुकाबला टक्कर वाला है। डेली बिहार इसी बीच आपके लिए यूपी के कुछ ईमानदार विधायकों की कहानी लेकर आया है। इन लोगों में से किसी के पास ना तो रहने का घर है और ना तो किसी को पास साइकिल और मोटर कार है।

चमन लाल चमन 1985 में कांग्रेस के टिकट पर नागल विधान सभा से विधायक चुने गए थे। विधायक रहते हुए वे राजकीय आईटीआई के चेयरमैन भी बने, लेकिन उनका जीवन तब भी और आज भी सादगी भरा रहा है। माहीपुरा रोडवेज कॉलोनी में रहने वाले चमन लाल चमन के पास अपनी एक साइकिल तक नहीं है, लेकिन 70 साल की उम्र में आज भी न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक कार्यो में भी भागीदारी करते हैं।

नाम है सुरेंद्र कपिल। ये भी शुरू से कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में रहे हैं। 1980 और उसके बाद 1985 में शहर से विधायक चुने गए। इसके बाद 1989 तक ग्रामीण विद्युतीकरण समिति के चेयरमैन रहे। इनका जीवन भी सादगी पूर्ण रहा है। अंबाला रोड स्थित गत्ता मिल कॉलोनी के क्वार्टर में रह रहे कपिल अपने मधुभाषी और सरल स्वभाव से जाने जाते हैं। इनके पास आज भी एक पुराना स्कूटर है।

वीरेंद्र सिंह का व्यक्तित्व भी आज के नेताओं से बिल्कुल अलग है। पेशे से अधिवक्ता रहे ठाकुर वर्ष 1989 में जनता दल के टिकट पर शहर से और वर्ष 1991 में देवबंद से विधायक बने। विधायक रहते भी जनसमस्याओं के निराकरण और विकास को तव्वजो दी। शुरू से ही ये संघर्षशील रहे हैं। इसी कारण वर्तमान में सर्वदलीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष भी हैं। छात्र जीवन से राजनीति में कदम रखने वाले वीरेंद्र ठाकुर ने कभी दिखावे को तव्वजो नहीं दी। ये आज भी अपने करीब 25 साल पुराने स्कूटर पर ही घूमते हैं।

अस्सी वर्षीय सुमेर चंद गोयल जनसंघ के टिकट पर वर्ष 1977 में सहारनपुर नगर सीट से विधायक चुने गए थे। वे अपने और आज के जमाने की राजनीति में बहुत बड़ा अंतर देखते हैं। विधायक और लोकतंत्र सेनानी की मिलने वाली पेंशन से प्रतिमाह एक हजार रुपये किसी गरीब कन्या के विवाह या किसी अन्य सामाजिक कार्यों के लिए निकालते हैं। पुराने शहर के दीनानाथ बाजार में किराये के मकान में रह रहे गोयल कभी-कभी कोर्ट में प्रैक्टिस पर भी चले जाते हैं।

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