PATNA (ASHOK KUMAR MISHRA) : कौन कहता है कि नीतीश बीमार हैं। लोकसभा चुनाव के बाद और 2025 में पहली बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का आज भागलपुर में सरकारी दौरा था ।भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा प्रायोजित और राज्य सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के बहाने देश के रूठे किसानों को मनाने और अपने लाड़ले मुख्यमंत्री को समझाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार के भागलपुर को चुना।वह भागलपुर जिसकी सांप्रदायिक दंगों ने कांग्रेस को बिहार की सत्ता ही नहीं देश की सत्ता से वनवास भेजा तो गैर कांग्रेसी सरकारों और खासकर लालू और नीतीश के लिए सत्ता का मार्ग प्रशस्त किया ।
दिल्ली विधान सभा चुनाव के बाद पिछले 17 फरवरी को बीजेपी की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह में सभी एन डी ए नेताओं के शामिल होने के बाबजूद नीतीश का नहीं जाना खास कर सोशल मीडिया और अनेक मीडिया घरानों के द्वारा यह कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश फिर पाला बदल सकते है।
नीतीश की प्रगति यात्रा और तेजस्वी के कार्यकर्ता संवाद का एक ही दिन पटना में समापन के बाद कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों ने तो दावा भी कर दिया कि नीतीश के एक करीबी डीएम के मार्फत तेजस्वी को राजनीतिक संदेश भेजा गया है और दो राउंड की बात चीत भी हो चुकी है। साथ ही कुछ लोगों ने नीतीश के भागलपुर नहीं जाने की बात कही जा रही थी।दूसरी ओर यह भी आशंका थी कि कही पीएम के मंच पर नीतीश फिर कोई ऐसा व्यवहार ना कर दें ताकि उनके राजनीतिक विरोधियों का दावा सच हो जाय कि सही में नीतीश बीमार है और सरकार अधिकारी चला रहे हैं।

इसकी वजह भी थी ।चुकी नीतीश ने इस बार प्रगति यात्रा में सार्वजनिक कार्यक्रम यानि जनता से सीधा संवाद नहीं किया था ।इसलिए आज के कार्यक्रम को लेकर नीतीश के राजनीतिक विरोधियों की ही नहीं मीडिया कर्मियों की भी निगाहे नीतीश के संबोधन पर थी लेकिन नीतीश आज सौ फीसदी पास दिखे ।अपने संतुलित संबोधन में जहां उन्होंने मोदी की प्रशंसा में कोई कमी नहीं रखी वही अपने शासन काल की उपलब्धियों और राजद के जंगल राज को भी नहीं भूले ।
इतना ही नहीं भागलपुर के मंच से हिंदू मुस्लिम के बीच झगड़ा के लिए राजद और कांग्रेस की दोषी ठहराया तो खुद को सांप्रदायिक सौहार्द बहाल करने का दावा किया ।यानि नीतीश ने एक बार फिर साबित किया कि टाइगर जिंदा है और वह भी बीमार नहीं पूरी तरह से स्वस्थ।
लेखक : अशोक कुमार मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार