ये हैं भगवान गणेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर, जहां अंबानी से लेकर आम आदमी तक टेकता है माथा

New Delhi: हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार विघ्नहर्ता गणेश जी प्रथम पूजनीय देव हैं। इनके दर्शनमात्र से भक्तों के संकट पल में दूर हो जाते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी 2 सितंबर 2019 को है।

ऐसे में अगर आप भगवान श्रीगणेश जी के प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करते हैं तो आपके हर दुःख दूर हो जाएंगे। कीजिए भगवान गणेश के 10 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन और जानिए कहां-कहां हैं ये मंदिर…

श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई : मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर भारत में गणेशजी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और यह मंदिर पहले स्‍थान पर आता है। इस मंदिर का निर्माण एक निसंतान महिला की आस्‍था पर बनवाया गया था। यहां रोज लाखों श्रद्धालु और कई बड़ी हस्तियां भी यहां आती हैं। यहाँ सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ाया जाता है।

श्रीमंत दग्‍दूशेठ हलवाई मंदिर, पुणे : महाराष्‍ट्र में सिद्धिविनायक मंदिर के बाद गणेश जी का श्रीमंत दग्‍दूशेठ हलवाई मंदिर दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का ट्रस्ट दुनिया के सबसे अमीर ट्रस्टों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण श्रीमंत दग्‍दूशेठ नाम के एक हलवाई ने करवाया था, क्योंकि उनके बेटे की प्‍लेग के कारण मृत्‍यु हो गई थी।

कनिपकम विनायक मंदिर चित्‍तूर : आंध प्रदेश के चित्‍तूर जिले में तिरूपति मंदिर से 75 किमी दूर स्थित कनिपकम विनायक मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है, यह भारत में गणेश जी का तीसरा प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर के पास एक पवित्र जल कुंड है, जहाँ भक्त अपने पाप धोने के लिए आस्था की डुबकी लगाए हैं।

मनकुला विनायक मंदिर, पुडुचेरी : भारत में गणेश जी का चौथा प्रसिद्ध मंदिर पुडुचेरी में है। यह मंदिर मनकुला विनायक मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। सर्वाधिक प्राचीन मंदिरों में से एक इस मंदिर को 1666 साल पहले बनवाया गया था। इस मंदिर को लेकर एक कहानी प्रचलित है कि यहां भगवान गणेश की प्रतिमा को कई बार समुद्र में फेंक दिया गया, लेकिन मूर्ति अपने आप रोज उसी स्‍थान पर प्रकट हो जाती थी।

मधुर महागणपति मंदिर, केरल : भारत में प्राचीन मंदिर मधुवाहिनी नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर में जो भगवान गणेश की मूर्ति है वह ना तो मिट्टी की बनी है और न ही किसी पत्‍थर की। यहां भगवान गणेश की मूर्ति अलग प्रकार के तत्‍व से बनी है। मुगल शासक टीपू सुल्‍तान इस मूर्ति को नष्‍ट करने आया था लेकिन वह सफल नहीं हो सका।

रणथंबौर गणेश मंदिर, राजस्‍थान : राजस्थान में भगवान गणेश का रणथंबौर गणेश मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यह मंदिर 100 साल पुराना है। वाइल्‍ड लाइफ के शौकीन लोग रणथंबौर नेशनल पार्क घूमने के लिए आते हैं लेकिन साथ ही वह यहां गणेशजी के ‘त्रिनेत्र’ स्‍वरूप के दर्शन किये बिना नहीं जाते।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर : राजस्थान जयपुर में सेठ जय राम पालीवाल ने 18वीं शताब्‍दी में मोती डूंगरी गणेश मंदिर का निर्माण करवाया था। एक पहाड़ पर स्थित यह मंदिर जयपुर के मुख्‍य टूरिस्‍ट स्‍पॉट में से एक है। इस मंदिर के पास जयपुर की महारानी गायत्री देवी का महल ‘मोती डूंगरी पैलेस’ भी है।

गणेश टॉक मंदिर, गंगटोक : गणेश टॉक मंदिर गंगटोक के प्रसिद्ध टूरिस्‍ट स्‍पॉट में से एक यह मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के इस स्‍थान पर गणेशजी का मंदिर आस्‍था का प्रमुख केंद्र है। गणेश चतुर्थी पर यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

गणपतिपुले मंदिर, रत्‍नागिरी, महाराष्‍ट्र : महाराष्‍ट्र के रत्‍नागिरी में स्तिथ गणपतिपुले मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां भगवान गणेश की मूर्ति का मुख उत्‍तर दिशा में न होकर पश्चिम की ओर है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश की जो मूर्ति है उसकी स्‍थापना किसी व्‍यक्ति ने नहीं की है, बल्कि यह मूर्ति स्‍वयं प्रकट हुई है।

उच्ची पिल्लयार मंदिर, तमिलनाडु : तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली (त्रिचि) नामक स्थान पर रॉक फोर्ट पहाड़ी की चोटी पर स्तिथ भगवान गणेश का यह प्रसिद्ध मंदिर पहाड़ों पर होने की वजह से यहां का नजारा बहुत ही सुंदर और देखने योग्य है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि रावण के भाई विभीषण ने एक बार भगवान गणेश पर वार किया था। जिसके बाद यहां भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की गई।

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