‘आपमें नए भारत की आत्मा झलकती है’, धोनी को मोदी ने लिखी इमोशनल चिट्ठी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को उनके संन्यास लेने के बाद 4 दिन बाद चिट्ठी लिखी है। जिसे माही ने गुरुवार यानी 20 अगस्त को ट्विटर पर शेयर किया। मोदी ने धोनी की तारीफ करते हुए दो बार के विश्व कप विजेता कप्तान से कहा, ‘‘आपमें नए भारत की आत्मा झलकती है, जहां युवाओं की नियति उनका परिवार का नाम तय नहीं करता है, बल्कि वे अपना खुद का मुकाम और नाम हासिल करते हैं।’’ प्रसिद्ध क्रिकेटर को एक लंबे नोट में पीएम ने सबसे महान कप्तानों में से एक और सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में से एक बताया।

धोनी ने भी ट्टिटर पर प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा। उन्होंने लिखा, ‘‘एक कलाकार, सैनिक और खिलाड़ी को प्रशंसा की कामना होती है। वे चाहते हैं कि उनकी मेहनत और बलिदान को सभी पहचानें। शुक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आपकी ओर से मिली प्रशंसा और शुभकामनाओं के लिए।’’ मोदी ने धोनी के लिए लिखा- 15 अगस्त को आपने अपने खास अंदाज में जो वीडियो शेयर किया था, वह पूरे देश के लिए चर्चा का विषय बन गया। हालांकि, 130 करोड़ भारतीयों को निराशा हुई, लेकिन आपने भारतीय क्रिकेट के लिए जो किया, उसके लिए सभी आभारी हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘आपके क्रिकेटिंग करियर को स्टेटिसटिक्स के प्रिज्म के जरिए देखा जा सकता है। आप भारत के सबसे कामयाब कप्तानों में से एक रहे हैं। आपके प्रयासों से देश, दुनिया में नंबर एक तक पहुंचा। आपका नाम दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार किया जाएगा। आप निश्चित ही दुनिया के बेहतरीन विकेटकीपर रहे हैं। मुश्किल हालात से निकालना आपकी खूबी रही है। मैच को खत्म करने का आपका अंदाज भी लाजवाब रहा है, खासकर 2011 वर्ल्ड कप में। लोगों के जेहन में इसकी याद हमेशा ताजा रहेगी, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी का नाम सिर्फ करियर स्टेटिसटिक्स या किसी मैच में जीत के लिए ही खेली पारी के लिए ही याद नहीं रखा जाएगा। आपको सिर्फ एक खिलाड़ी के तौर पर देखना नाइंसाफी होगी। आपका खेल और लोगों पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक छोटे से शहर से शुरुआत करके आप देश में छा गए। आपने न सिर्फ अपने लिए नाम कमाया, बल्कि देश को भी गर्व करने के कई मौके दिए। आपकी तरक्की और व्यवहार ने उन करोड़ों युवाओं को प्रेरणा और ताकत दी, जो आपकी तरह किसी बड़े स्कूल या कॉलेज में नहीं गए और न ही उनका परिवार रसूखदार रहा, लेकिन फिर भी उनमें भीड़ से अलग दिखने का टैलेंट था। आप न्यू इंडिया की सही तस्वीर पेश करने वालों से एक हैं। जहां परिवार का नाम युवा का भाग्य तय नहीं करता, बल्कि वे खुद अपना नाम और तकदीर बनाते हैं। हम कहां से आते हैं, इससे तब तक फर्क नहीं पड़ता, जब तक हमें यह मालूम हो कि हमें कहां जाना है। आपने युवाओं को अपनी इसी खूबी से प्रभावित और प्रेरित किया।’’

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