पूरा हुआ मिथिला का सपना, पहली बार कोसी रेल महासेतू से आसनपुर कुपहा तक दौड़ी स्पीड ट्रायल ट्रेन

पूरा हुआ मिथिला का सपना, पहली बार कोसी रेल महासेतू से आसनपुर कुपहा तक दौड़ी स्पीड_ट्रायल की ट्रेन। सहरसा-सरायगढ की तरफ से जुड़ गया कोसी रेल महासेतू ….

85 साल बाद एक बार फिर से कोसी और मिथिलांचल के बीच पटरी पर ट्रेन दौड़ने लगेगी। इस पुल को सरायगढ़ की ओर से रेलवे ट्रैक से जोड़ दिया गया है। सरायगढ़ रेलवे स्टेशन पर कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। शुक्रवार को उत्तर रेलवे निर्माण के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी बृजेश कुमार ने पहली बार मोटर ट्रॉली से रेल पुल का निरीक्षण किया और संभावना जताई कि 31 मार्च तक इस पटरी पर ट्रेन दौड़ने लगेगी। इस पुल का शिलान्यास 6 जून 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। इस पर करीब 620 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। यह रेल महासेतु सात साल पहले ही बन गया था पर पटरी नहीं बिछाई गई थी। पूरे पुल को बनने में करीब करीब 16 साल लग गए।

1934 में आए भूकंप में क्षतिग्रस्त हुआ था रेल पुल
पुराना पुल 1934 में भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल की कुल लंबाई 1.88 किमी है। इसमें 45.7 मीटर लंबाई के 39 स्पैन हैं। नए पुल का स्ट्रक्चर एमबीजी लोडिंग क्षमता के अनुरूप डिजाइन किया गया है। अब सकरी-झंझारपुर-निर्मली-सरायगढ़-सहरसा आमान परिवर्तन के तहत कोसी का रेल ट्रैक से अब सरायगढ़ होते सहरसा से जुड़ाव हो जाएगा। सहरसा-सुपौल खंड पर आवागमन पहले से जारी है। सरायगढ़ से आसनपुर कुपहा हॉल्ट तक 31 मार्च तक ट्रेनों का आवागमन शुरू होने के आसार हैं।

कार्य प्रगति पर और अंतिम चरण में है
कोसी महासेतु का काम अंतिम चरण में है। मार्च तक कार्य समाप्ति की तिथि है। रेल महासेतु का निरीक्षण किया गया है। संभावना है कि 31 मार्च तक इस पुल पर ट्रेन दौड़ने लगेगी।-विरेन्द्र कुमार, सीनियर डीसीएम, रेलवे

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