सुशांत सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुंबई पुलिस को जमकर क्लास, कहा-दोबारा गलती ना हो, ध्यान रखिये

सुशांत केस: पुलिस वाले को क्वारंटीन पर सुप्रीम कोर्ट ने की महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई, कहा- सच उजागर हो

नई दिल्‍ली. सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस (Sushant Singh rajput Suicide case) के एक मामले की जांच करने मुंबई (Mumbai) पहुंचे बिहार के आईपीएस अफसर विनय तिवारी को बीएमसी द्वारा क्‍वारंटाइन किए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्‍ट्र सरकार की खिंचाई की. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान महाराष्‍ट्र सरकार से कहा कि यह अच्‍छा संदेश नहीं देता है. पुलिस अफसर वहां सिर्फ अपनी जॉब कर रहे थे. महाराष्‍ट्र सरकार को पेशेवर तरीके से पेश आना चाहिए और सबूतों की रक्षा करनी चाहिए.

बता दें कि महाराष्‍ट्र पुलिस पर आरोप है कि उसने बिहार से मुंबई मामले की जांच के लिए पहुंचे आईपीएस अफसर को जबरदस्‍ती कोरोना का हवाला देकर क्‍वारंटाइन कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सच्चाई सामने आनी ही चाहिए. इसी बीच, केन्द्र ने न्यायालय को सूचित किया कि उसने इस मामले को केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है.

न्यायमूर्ति ऋषिकेष राय की एकल पीठ ने महाराष्ट्र और बिहार सरकार के साथ ही सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह को निर्देश दिया कि वे अभिनेत्री रिया चक्रवती की याचिका पर तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करें. रिया चक्रवर्ती ने सुशांत के पिता द्वारा पटना के राजीव नगर थाने में 24 जुलाई को दर्ज करायी गयी प्राथमिकी मुंबई पुलिस के पास भेजने का अनुरोध करते हुये न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है. प्राथमिकी में रिया पर सुशांत को आत्महत्या के लिय उकसाने का आरोप लगाया गया है.

शीर्ष अदालत ने रिया की याचिका अगले सप्ताह के लिये सूचीबद्ध करते हुये मुंबई पुलिस को राजपूत की मृत्यु के मामले में अब तक की जाच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में अपने घर में मृत पाये गये थे. इसके बाद से ही मुंबई पुलिस विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुये इसकी जांच कर रही है.

इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश उसने स्वीकार कर ली है. पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से सुनवाई करते हुये कहा, ‘रिया चक्रवर्ती की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार जवाब दाखिल करे और जहां तक इस कलाकार की मृत्यु का सवाल है तो सच्चाई सामने आनी ही चाहिए.’

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