18 के बदले 21 साल की उम्र में होगी लड़कियों की शादी, मोदी सरकार लाएगी नया काननू, प्रस्ताव भेजा

नया साल महिलाओं की पुरुषों के साथ बराबरी की दिशा में एक बड़े सुधार का दस्तावेज लेकर आया है। विवाह की न्यूनतम उम्र के बारे में नए सिरे से विचार के लिए गठित टास्कफोर्स ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब यह रिपोर्ट नीति आयोग और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पास पहुंच चुकी है। आधिकारिक सूत्रों ने
बताया कि टास्कफोर्स ने युवतियों की विवाह की उम्र बढ़ाकर 21 वर्ष करने का पूरा रोल आउट प्लान सौंपा है और इसे समान रूप से पूरे देश में सभी वर्गों पर लागू करने की मजबूत सिफारिश की है।

मोदी सरकार के कार्यकाल में विवाह के संबंध यह दूसरा बड़ा सुधार है जो समान रूप से सभी धर्मो के लिए लागू होगा। एनआरआई मैरिज को 30 दिन के भीतर पंजीकृत कराने का कानून भी पाइपलाइन में है जो सभी धर्मों के लिए होगा।जया जेटली की अध्यक्षता में दस सदस्यों की टास्कफोर्स ने देशभर के प्रबुद्ध अध्येताओं, कानूनी विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों के नेताओं से परामर्श कर दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में रिपोर्ट सरकार को सौंपी। सूत्रों के अनुसार टास्कफोर्स ने कम से कम चार कानूनों में संशोधनों की सिफारिश की है।

पता चला है कि इसके लिए यौन हिंसा कानून में भी बदलाव करने का प्रस्ताव है जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र में आपसी सहमति के बावजूद शारीरिक संबंध कायम करने को बलात्कार की श्रेणी में रखा है। इस कानून में 15 वर्ष से अधिक उम्र की विवाहित युवती को अपवाद रखा गया था। विवाह की न्यूनतम उम्र 21 किए जाने की स्थिति में इस कानून में संशोधन करना अनिवार्य होगा।

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