Modified Interest Subvention Scheme: वित्त वर्ष 2025-26 में किसानों को बड़ी सौगात! MISS में ब्याज छूट जारी रखने का फैसला

By Rajveer

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Modified Interest Subvention Scheme

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए Modified Interest Subvention Scheme (MISS) को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को सस्ती और सुलभ ऋण सुविधा प्रदान करना है, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़े और किसानों की आय में सुधार हो। साथ ही इसके क्रियान्वयन के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था पर भी सहमति बनी है। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने, किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण ऋण प्रणाली को मजबूत करने के अपने संकल्प पर अडिग है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार यह संशोधित ब्याज अनुदान योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से सस्ती दरों पर अल्पावधि कृषि ऋण उपलब्ध कराना है, ताकि वे समय पर खेती से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर सकें और कर्ज के बोझ से मुक्ति पा सकें।

योजना की मुख्य विशेषताएं

ऋण सीमा में वृद्धि: MISS के तहत, किसानों को अब ₹3 लाख तक का ऋण उपलब्ध था, जिसे बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय दबाव से राहत देना और कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना है।

ब्याज दर में छूट: किसानों को 7% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर अतिरिक्त 3% की छूट प्रदान की जाएगी, जिससे प्रभावी ब्याज दर 4% प्रति वर्ष हो जाएगी।

ऋण का उपयोग: यह योजना कृषि, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और अन्य संबद्ध गतिविधियों के लिए कार्यशील पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए है।

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ऋण अवधि: ऋण अवधि एक वर्ष तक होगी, और समय पर पुनर्भुगतान करने पर किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

योजना का क्रियान्वयन

इस योजना का क्रियान्वयन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक और निजी क्षेत्र के बैंक किसानों को ऋण उपलब्ध कराएंगे।

आगामी कार्यवाही

डेटा रिपोर्टिंग: बैंकों को किसान ऋण पोर्टल पर लाभार्थियों का विवरण अपलोड करना होगा।

ऑडिट रिपोर्ट: बैंकों को सभी दावों को प्रमाणित करने के लिए अपने वैधानिक लेखा परीक्षकों से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।

अंतिम तिथि: 30 जून, 2025 तक सभी दावों को किसान ऋण पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।

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निष्कर्ष

संशोधित ब्याज छूट योजना (MISS) को 2025-26 के लिए जारी रखने का कैबिनेट का निर्णय किसानों के हित में एक ठोस और दूरदर्शी कदम है। इससे न केवल किसानों को समय पर और किफायती ऋण उपलब्ध होगा, बल्कि कृषि उत्पादन में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती भी मिलेगी। सरकार का यह प्रयास किसानों की आय को दोगुना करने और आत्मनिर्भर कृषि व्यवस्था की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल है।