हैदराबाद चिड़ियाघर: हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में जल्द ही सिंगापुर के मशहूर एक्वेरियम से प्रेरित एक अत्याधुनिक टनल एक्वेरियम बनाया जाएगा। यह परियोजना भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी तरह की सबसे बड़ी और सबसे आधुनिक सुविधाओं में से एक होगी।
परियोजना का विवरण
यह टनल एक्वेरियम एक एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा और इसकी क्षमता लगभग 30 लाख लीटर पानी की होगी। यहां शार्क, रंग-बिरंगी मछलियां और अन्य समुद्री जीव देखे जा सकते हैं। इस परियोजना की लागत लगभग ₹50 करोड़ है और इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। इसमें सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया के समुद्री विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
शैक्षणिक और इंटरैक्टिव अनुभव
यह एक्वेरियम न केवल मनोरंजन का केंद्र होगा, बल्कि इसे शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए भी डिज़ाइन किया गया है। यहां आगंतुकों को समुद्री पारिस्थितिकी, संरक्षण और जैव विविधता के बारे में जानकारी मिलेगी। वर्चुअल रियलिटी (वीआर) और ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान किया जाएगा।
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वैश्विक मानक और भविष्य की योजनाएँ
यह एक्वेरियम अहमदाबाद में साइंस सिटी और केरल में मरीन वर्ल्ड जैसे भारत के अन्य प्रमुख एक्वेरियम की तुलना में आकार में छोटा होगा, लेकिन अनुभव के मामले में कहीं अधिक समृद्ध होगा। इसका उद्देश्य हैदराबाद को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है। इस परियोजना के 2026 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है, जब इसे आगंतुकों के लिए खोल दिया जाएगा।
इस सुरंग एक्वेरियम के उद्घाटन से हैदराबाद में पर्यटन और शैक्षिक गतिविधियों को एक नई दिशा मिलेगी, और शहर को वैश्विक मानचित्र पर एक प्रमुख आकर्षण के रूप में स्थापित किया जाएगा।
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निष्कर्ष
हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में प्रस्तावित सुरंग एक्वेरियम न केवल शहर की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देगा, बल्कि एक शिक्षाप्रद और मनोरंजक अनुभव भी प्रदान करेगा। सिंगापुर मॉडल से प्रेरित यह परियोजना न केवल स्थानीय निवासियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा का लाभ देगी, बल्कि भारत और विदेश के पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन सकती है। आधुनिक तकनीक, समुद्री जीवन की विविधता और इंटरैक्टिव लर्निंग को मिलाकर, यह एक्वेरियम भारत के अग्रणी एक्वेरियम की सूची में शामिल होने के लिए तैयार है। जब यह परियोजना 2026 तक पूरी हो जाएगी तो निस्संदेह यह हैदराबाद के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।