NRC पर अमित शाह का बड़ा बयान, कहा-पूरे देश में लागू होगा एनआरसी

पूरे देश में लागू होगा NRC, किसी को इससे डरने की जरूरत नहीं: अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि किसी को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) से डरने की जरूरत नहीं है और यह पूरे देश में लागू किया जाएगा.

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि किसी को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) से डरने की जरूरत नहीं है और यह पूरे देश में लागू किया जाएगा. यहां राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, “एनआरसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें ऐसा कहा जाए कि इसमें दूसरे धर्म के लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा.” उन्होंने कहा कि यह पूरे देश में लागू किया जाएगा और किसी को भी इससे डरने की जरूरत नहीं है. उल्लेखनीय है कि एनआरसी फिलहाल असम में लागू हुआ है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू नहीं करने देंगे.
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इसके साथ ही जम्‍मू-कश्‍मीर के ताजा हालात की जानकारी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने राज्‍यसभा में कहा कि पांच अगस्‍त को आर्टिकल 370 हटने के बाद से किसी भी शख्‍स की पुलिस फायरिंग में जान नहीं गई. हालात लगातार सुधार रहे हैं. किसी भी थाने में कर्फ्यू नहीं है. दवाईयों की कोई कमी नहीं है. सभी स्‍कूल खुले हैं. सभी अस्‍पताल खुले हुए हैं. इंटरनेट सेवा जल्‍द बहाल होनी चाहिए लेकिन इसका फैसला स्‍थानीय प्रशासन को लेना है. कश्‍मीर के सभी दफ्तर खुले हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल पत्‍थरबाजी में कमी आई है.

आंध्र प्रदेश से कांग्रेस के सांसद टी सुब्रमामि रेड्डी ने पूछा कि कांग्रेस में यदि सब सामान्‍य है तो फिर धारा 144 क्यों लगाई गई है? अमित शाह ने जवाब में कहा कि कुछ स्थानों में लागू किया गया है. कश्‍मीर के 195 थानों में धारा 144 नहीं लगाई गई है. इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने करने के मसले पर वहां के प्रशासन की उचित समय पर अनुशंषा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा. पड़ोसी देश की गतिविधियों और सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही निर्णय करेंगे.

कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि 5 अगस्‍त के बाद स्‍कूल और कॉलेज सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. स्‍कूल खुले हैं लेकिन उपस्थिति कम है. स्‍वास्‍थ्‍य दूसरी सबसे बड़ी समस्‍या है. इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं. अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि आजाद साहब से मैं सहमत हूं कि इंटरनेट जरूरी है. लेकिन अतीत पर यदि नजर डालें तो पूरे देश भर में इंटरनेट 1995-96 में आया. कश्मीर में मोबाइल बीजेपी सरकार ने 2003 में शुरू किया. 2002 से इंटरनेट की परमीशन दी गई. जहां तक देश की सुरक्षा का सवाल है, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का सवाल है तब हमें कहीं न कहीं प्राथमिकता तय करनी पड़ती है.जब उचित लगेगा तो इंटरनेट चालू कर दिया जाएगा.

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