कोरोना वैक्सीन का पहला ट्रायल इंसानों पर सफल, अमेरिका की दवा कंपनी ने किया दावा

दुनियाभर में वैज्ञानिक कोरोना का वैक्सीन विकसित करने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। इस दिशा में अमेरिका की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना ने सोमवार अच्छी खबर सुनाई। कंपनी ने कहा कि उसके वैक्सीन का पहला ट्रायल सफल रहा है।

कंपनी के मुताबिक, क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण में एलर्जी और संक्रामक रोगों के राष्ट्रीय संस्थान ने मार्च में चुने गए 45 में से आठ लोगों को वैक्सीन के दो डोज दिए थे। इन वॉलंटियर्स में करीब उतने ही एंटीबॉडीज पाए गए, जितने कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीज में पाए जाते हैं।

हालांकि वैज्ञानिक अब भी यह समझने में लगे हैं कि एंटीबॉडीज का कितना स्तर कोरोना से अंत तक बचाव के लिए जरूरी है। जुलाई में बड़े स्तर पर वॉलंटियर्स पर ट्रायल होगा। ट्रायल की सफलता की खबर आते ही अमेरिकी बाजार में माॅडर्ना के शेयर 20 फीसदी चढ़ गए। बाजार इंडेक्स डाऊ जोन्स भी 3.4 फीसदी से ज्यादा उछल गया।

बंदरों में दिखा वैक्सीन का असर : इससे पहले चूहों पर टेस्ट किया गया है साइंस जर्नल के मुताबिक रीसर्चर्स ने बताया है कि Rhesus macaques इंसानों से जेनेटिक स्तर पर काफी समान होते हैं। इसलिए माना जाता है कि अगर इन पर दवा काम करती है तो इंसानों पर भी कर सकती है। इन बंदरों तीन हफ्तों पहले वैक्सीन देने के बाद वायरस से इन्फेक्ट किया गया था। रिजल्ट में पाया गया कि जिन बंदरों को वैक्सीन दी गई थी उनके फेफड़ों से वायरस गायब पाया गया जबकि जिन्हें वैक्सीन नहीं दी गई थी, उनमें निमोनिया देखा गया।

सितंबर तक मिल सकती है वैक्सीन : इससे पहले चीन के CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) के डायरेक्टर के मुताबिक सितंबर तक इमर्जेंसी के लिए वैक्सीन इस्तेमाल के लिए तैयार हो सकती है। बता दें कि चीन में 508 वॉलंटिअर्स चाइनीज अकैडमी ऑफ मिलिटरी मेडिकल साइंसेज की बनाई वैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल के लिए तैयार हैं। इस महीने इस ट्रायल के नतीजे आ सकते हैं।

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