भारतीय घा’यल जवान का दावा- 1000 चीनी सैनिकों ने ह’मला किया, PM बोले कोई भी सीमा में घुसा नहीं

PATNA : जवान सुरेंद्र सिंह “1000 से अधिक चीनी सैनिकों ने हमपर ह’मला किया, प्रधानमंत्री का कहना है “कोई भी हमारी सीमा में घुसा ही नहीं है.” या तो सैनिक झूठ बोल रहे हैं या प्रधानमंत्री. यदि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं तो बड़े शर्म की बात है इस देश के लिए.

भारत-चीन सीमा पर लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने अचानक धो’खे से ह’मला करके भारतीय सैनिकों को नुकसान पहुंचाया। ह’मले में घायल राजस्थान के अलवर जिले के नौगांवा गांव के हवलदार सुरेंद्र सिंह ने अपने पिता बलवंत सिंह को संघर्ष का ब्यौरा देते हुए बताया कि चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी से निकल रही नदी किनारे अचानक धोखे से ह’मला किया। यह संघर्ष करीब पांच घंटे चला। संघर्ष में भारत के करीब ढाई सौ और चीन के एक हजार से अधिक जवान थे।

हाथ में फै’क्चर, सिर में करीब एक दर्जन टांके लगे-उन्होंने बताया कि गलवान घाटी की नदी में करीब फुट गहरे बेहद ठंडे पानी में यह संघर्ष चलता रहा। जहां यह संघर्ष हुआ उस नदी के किनारे मात्र एक आदमी को ही निकलने की जगह थी इसलिए भारतीय सैनिकों को संभलने में भारी परेशानी हुई। सुरेंद्र ने बताया कि कि अब वह स्वस्थ हैं और लद्दाख के सैनिक हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है। उनके एक हाथ में फैक्चर है और सिर में करीब एक दर्जन टांके लगे हैं।

उन्होंने बताया कि पांच घंटे पांच फुट गहरे पानी में हुए संघर्ष में सिर में चोट लगने से वह घा’यल हो गए थे और अन्य सैनिकों ने उन्हें बाहर निकाला। उन्हें तब तक होश था, उसके बाद उन्हें लद्दाख के हॉस्पिटल में ही आकर करीब 12 घंटे बाद होश आया। उन्होंने बताया कि चीनी सेना ने कांटे लगे डंडों से ह’मला किया। जिस वक्त यह ह’मला किया गया उस वक्त भारत के सैनिक कम थे, लेकिन उनमें जज्बा चीनी सैनिकों से लड़ने का पूरा था। आमने-सामने होते तो चीन के सैनिकों को धूल चटा देते।

19 साल पहले भारतीय सेना में शामिल हुए सुरेंद्र सिंह 3 मीडियम रेजिमेंट में पिछले 2 साल से लेह में तैनात हैं। वह 20 जनवरी को घर आए थे और 31 जनवरी को लौटे थे। चीन सीमा पर त’नाव बढ़ने के कारण उन्हें लद्दाख में चीन सीमा पर तैनात किया गया। उनकी बटालियन शिफ्ट होने वाली थी लेकिन कोरोना के चलते शिफ्टिंग की प्रक्रिया रोक दी गई। परिवार में माता-पिता, पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा है। सुरेंद्र का चचेरा भाई भी सेना में है और जालंधर में तैनात है।

पिता बलवंत सिंह ने बताया, सुरेन्द्र वर्ष 2005 में लद्दाख में ड्यूटी के दौरान पाकिस्तानी सेना के सीजफा’यर में गो’ला फ’टने से गम्भीर घा’यल हो गया था। तब पैर में चो’ट आई थी लेकिन उसने हौसला रखा और शीघ्र ही देश की सेवा के लिए फिर से खड़ा हुआ।

सुरेंद्र सिंह की पत्नी गुरप्रीत कौर ने बताया, उन्हें होश आने के बाद बुधवार शाम को उनसे बात हुई। बोले, मैं ठीक हूं, सभी हिम्मत रखो। वह दुर्गम इलाके में तैनात हैं इसलिए 10-15 दिन में एक बार बात होती है। मौसम साफ होने पर वह खुद ही फोन करते हैं। सुरेंद्र ने बताया है कि चीनी सैनिकों से झ’ड़प में उनका मोबाइल व अन्य सामान गुम हो गया। चीन सीमा पर दुश्मन और मौसम दोनों का खतरा है इसलिए चिंता तो रहती है लेकिन उनकी वीरता व साहस पर सभी को गर्व है।

नौगांवा स्थित उनके घर में सुरेंद्र सिंह की मां प्रकाशो कौर की आंखों में आंसू थे। रिश्तेदार लगातार उनसे मिलने आ रहे थे।

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