लोजपा छोड़ जदयू में वापसी को तैयार, ललन सिंह के पटना आते ही भगवान सिंह कुशवाहा बदलेंगे दल
शाहाबाद की राजनीति में बड़ा चेहरा और पूर्व मंत्री श्रीभगवान सिंह कुशवाहा का लोजपा से मन अब पूरी तरह भर गया है। वे एक-दो दिनों में ही अपनी पुरानी पार्टी जदयू में लौट सकते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर उन्होंने लोजपा का दामन थाम लिया था। इस चुनाव में कुशवाहा दूसरे स्थान पर जबकि जदयू की प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहीं।
ऐसे में कुशवाहा की वापसी से जदयू को शाहाबाद में फिर से ताकत मिलेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में शाहाबाद क्षेत्र के चार जिलों बक्सर, भोजपुर, कैमूर और रोहतास में जदयू को एक भी सीट हासिल नहीं हुई। कुशवाहा इससे पहले भी जदयू को छोड़ने और फिर इसी पार्टी में लौटने का काम कर चुके हैं। 2018 में उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा को छोड़कर जदयू का दामन थामा था, लेकिन दो साल बाद ही उन्होंने लोजपा को अपना लिया।
टिकट नहीं मिलने की नाराजगी में कुशवाहा ने भले ही लोजपा का सिंबल लेकर चुनाव लड़ लिया, लेकिन उनका दिल इस दल में शायद ही कभी लगा। चुनाव के बाद वे लोजपा के मंचों पर कभी बहुत सक्रिय नहीं दिखे। माना जा रहा है कि उन्हें जदयू में वापसी के लिए सम्मानजनक मौके की तलाश है। यह मौका उन्हें अब मिल सकता है। दादा के नाम से मशहूर बुजुर्ग नेता वशिष्ठ नारायण सिंह से पिछले दिनों उनकी मुलाकात के बाद से ही ऐसे अनुमान लगाए जाने लगे थे। ललन सिंह को जदयू अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई देकर कुशवाहा ने अपने मन की बात कह दी है।
कुशवाहा ने कहा है कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू को विधानसभा में 100 सीटों से पार ले जाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वे सात अगस्त को जदयू के प्रदेश कार्यालय में अपनी पुरानी पार्टी की सदस्यता फिर से ग्रहण करेंगे।
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