बिहार में 30 साल से तीन विभागों में एक साथ नौकरी कर रहा है यह इंजीनियर

कौन कहता है कि बिहार में नौकरी नहीं मिलती है। यहां ऐसे लोग भी हैं जो एक साथ तीन विभागों में नौकरी कर रहे हैं, तीनों जगह से हर माह वेतन भी उठा रहे हैं। वह भी एक दो नहीं तीस साल से। यह बात अलग है तीन जगह नौकरी करने के बाद भी वह कभी पकड़ा नहीं गया। अब मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है और उक्त कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

इस शातिर कर्मी का नाम है सुरेश राम। सुरेश राम ने एक बार में तीन विभागों में जूनियर इंजीनियर के पद पर ज्वाइन किया और 30 साल तक नौकरी भी की। सहायक अभियंता सुरेश राम पटना जिले के पुनपुन के भभौल गांव एवं पोस्ट डिहरी के रहने वाले हैं. सबसे पहले उन्होंने पथ निर्माण विभाग में जेइ के पद पर 1988 में ज्वाइन किया. इसी वर्ष कुछ समय बाद जल संसाधन विभाग के दो प्रमंडलीय कार्यालयों में भी इसी पद पर ज्वाइन कर लिया. इसमें सिंचाई अवर प्रमंडल, बेलहर और सिंचाई प्रमंडल बीजी खोड़वा शामिल हैं।

तीनों स्थानों से उन्होंने इतनी लंबी अवधि तक वेतन और प्रोन्नति का भी लाभ प्राप्त किया। उन्हें अपने सेवाकाल में दो बार एसीपी (अनिवार्य सेवाकाल प्रोन्नति) भी मिली और वे तीनों स्थानों पर कनीय अभियंता से सहायक अभियंता भी बन गये। फिर इसका लाभ भी तीनों स्थानों से उन्हें मिलने लगा।

सहायक अभियंता पद पर 2018 में प्रोन्नति लेने के बाद उनका तबादला पथ निर्माण विभाग से भवन निर्माण विभाग में हो गया और वे पकड़े जाने तक विभाग के किशनगंज स्थित अवर प्रमंडलीय कार्यालय में तैनात था.

इधर, जल संसाधन विभाग में उसकी पोस्टिंग पूर्वी तटबंध अवर प्रमंडल, भीमनगर में भी कुछ समय तक कार्य किया. 30 साल की नौकरी के दौरान उन्हें दो बार एसीपी भी ली और ज्यादातर सुदूर कार्यालयों में ही पोस्टिंग कराये रखने की कोशिश में लगे रहे। इस तरह तीनों विभागों को मिलाकर उसने 90 साल की नौकरी पूरी कर ली।

सहायक अभियंता सुरेश राम से पूछा गया कि आखिर उन्होंने इतने लंबे समय तक सरकार को चकमा कैसे दिया, तो उन्होंने बताया कि तीनों विभागों में वे फील्ड या सुदूर कार्यालयों में ही अपनी पोस्टिंग कराये रखी, जहां हाजिरी नहीं बनती है. उन्होंने सरकार को यह भी जानकारी दी है कि सप्ताह में एक दिन अलटरनेट करके या एक कार्यालय में सुबह, फिर दूसरे कार्यालय में फील्ड विजिट के नाम पर दोपहर को दूसरे कार्यालय में चले जाते थे.

2019 में इस मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब इस वर्ष फरवरी में सीएफएमएस (कॉम्प्रेहेंसिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) प्रणाली की शुरुआत राज्य में हुई और सभी विभागों के कर्मियों का पूरा डाटा इस पर ऑनलाइन अपलोड किया जाने लगा। सभी कर्मियों का डाटा ऑनलाइन अपलोड होने पर जब यह हकीकत सामने आयी, तो उन्हें तीनों स्थानों से तत्काल निलंबित करते हुए पूरे मामले की जांच शुरू हुई. पूरा मामला सही पाया गया. इस बीच वे कुछ महीनों के लिए वह गायब भी हो गया था।

कई बार विभाग के स्तर से बुलाने पर भी नहीं आया, लेकिन 4 सितंबर, 2019 को कोर्ट में सरेंडर कर अपना अपराध स्वीकार कर लिया. अब राज्य सरकार उसके खिलाफ मुकदमा चलाने जा रही है और उनसे पूरे सेवाकाल के दौरान मिली सभी सैलरी और अन्य सभी लाभ जुर्माना समेत वसूला जायेगा.

बहरहाल, एक कर्मी तीस साल तक तीन विभागों में नौकरी करता है, प्रमोशन पाता है, सैलरी भी लेता है। यह सारी बातें कहीं न कहीं हमारे सरकारी व्यवस्था की कमियों को उजागर करने का काम करती हैं. इनमें जितना दोषी कर्मी है, उतना ही सरकारी व्यवस्था जिम्मेदार है।

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