बिहार पहुंचा मानसून, मौसम विभाग ने कहा— इस साल जमकर होगी झमाझम बारिश

मानसून समय से पहले आया मतलब होगी अच्छी बारिश…किशनगंज के रास्ते पूर्णिया में मानसून ने बिहार में दस्तक दे दी है। पूर्णिया के आसमान में छाए घने बादल ने राहत दी है। मौसम विभाग : झारखंड के रास्ते बिहार पहुंचा मानसून, पटना में हल्के बादल रहेंगे उमसभरी गर्मी का अहसास, उत्तर-पूर्व में मानसून की इंट्री, दक्षिण-पश्चिम में लू : बिहार में समय से दो दिन पहले यानी 13 जून को मानसून की इंट्री हो गई है। जो तय रास्ते से होते हुए बिहार के सभी हिस्से में 17 जून तक सक्रिय होने की संभावना है। इस दौरान बिहार के सभी हिस्से में सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार है। मानसून की वापसी 5 अक्टूबर को है। हालांकि, 21 वर्ष के दौरान 7 बार समय से पहले, एक बार समय पर और 13 वर्ष समय के बाद बिहार में मानसून का प्रवेश हुआ। हालाकि, समय से पहले मानसून के प्रवेश का फायदा भी मिला। पांच वर्ष के दौरान औसत से अधिक बारिश हुई। जबकि, समय के बाद मानसून के प्रवेश की वजह से 11 बार औसत से कम बारिश दर्ज किया गया। 2013 में समय पर 15 जून को बिहार में मानसून आया था। लेकिन, इस दौरान औसत से 21 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। जबकि, 21 वर्ष के दौरान सबसे अधिक मानसून की सक्रियता 2010 में सबसे अधिक 130 दिन रहा। मौसम विभाग के वैज्ञानिक संजय कुमार के मुताबिक 2022 में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है।

मौसम विभाग के मुताबिक झारखंड में साहिबगंज से मानसून की इंट्री हुई है। इस दौरान 40 से 45 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं की वजह से 24 घंटे के अंदर ही झारखंड से अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सुपौल से होते हुए बिहार में इंट्री हुई है। 48 घंटे में समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर के कुछ हिस्से में पहुंचने की संभावना है। जहां से 16 जून को पटना, नालंदा, वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, सारण और 17 जून को गया, औरंगाबाद, सारण सहित अन्य हिस्से में सक्रिय होगा। नमी की कमी की वजह से सिलिगुड़ी में ही मानसून चार दिनों तक रुका था।

बिहार में एक तरफ मानसून की इंट्री के साथ ही बारिश का सिस्टम सक्रिय हो गया है। जिसकी वजह से तापमान में गिरावट होने के आसार है। वही पर पछुआ और दक्षिण-पछुआ हवाओं के प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम स्थित बक्सर, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, कैमूर में लू की स्थिति रहेगी।
अररिया, किशनगंज, पूिर्णया और सुपौल में बारिश-बादल, 16 को पटना पहुंचेगा
21 सालों में 7 बार पहले आया तो 5 बार औसत से अधिक, 13 बार विलंब तो 11 बार कम बारिश
झारखंड के रास्ते बिहार में आया मानसून, 21 सालों में 2019 में सबसे अधिक और 2013 में सबसे कम हुई थी बारिश

बिहार में 21 वर्ष के दौरान सबसे अधिक 2019 में बारिश हुई थी। जो सामान्य से 360 एमएम अर्थात 34 फीसदी अधिक रिकार्ड किया गया था। इस दौरान पटना में ही तीन महीने के दौरान 800 एमएम बारिश दर्ज किया गया था। हालाकि, सबसे कम बारिश 2013 में हुई दर्ज किया गया था। जो सामान्य से 30 फीसदी कम रिकार्ड किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश का सिस्टम एक जून से 30 सितंबर तक सक्रिय माना जाता है। लेकिन, 21 वर्षों के रिकार्ड के मुताबिक मानसून की विदाई अक्टूबर महीने में हुई है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक संजय कुमार के मुताबिक मानसून की सक्रियता पिछले एक हफ्ते से बिहार में थी।

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