बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले हैं चंद्रयान 3 टीम के वैज्ञानिक अमिताभ, गांव में जश्न शुरू

इससे पहले चंद्रयान एक और दो मिशन में भी निभा चुके हैं महत्वपूर्ण भूमिका : चंद्रयान तीन की सफल लॉन्चिंग में बिहार के दो होनहारों ने कमाल किया है। इनमें एक हैं समस्तीपुर के कुबौली गांव निवासी अमिताभ और दूसरे हैं सीतामढ़ी जिले के पुपरी निवासी रवि कुमार। अमिताभ ने चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग में डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर और ऑपरेशन डायरेक्टर की भूमिका निभाई। वहीं रवि कुमार ने नेटवर्क सिक्यूरिटी हैंडल किया। वहीं अमिताभ चंद्रमा की सतह पर रोवर के उतरने की निगरानी भी करेंगे। इनकी सफलता ने बिहार के लोगों को दोहरी खुशी दी है।

बात करते हैं इसरो के वरीय वैज्ञानिक अमिताभ की। अमिताभ वर्ष 2002 से इसरो से जुड़े हैं और अब तक चंद्रयान एक, चंद्रयान दो और चंद्रयान तीन मिशन का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को चंद्रयान तीन की लॉन्चिंग पर ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत की।

सफल लॉन्चिंग से रोमांचित अमिताभ कहते हैं कि अगले 42 दिनों बहुत अहम हैं। इस मिशन से जुड़ना उनके लिये गर्व की बात है। अमिताभ ने एएन कॉलेज पटना से पढ़ाई की थी। एएन कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और अभी मगध विवि के कुलपति प्रो. एसपी शाही ने शुभकामना दी है। अमिताभ बताते हैं कि उनकी प्राथमिक पढ़ाई समस्तीपुर से हुई। 1989 में एएन कॉलेज में आईएएसी में दाखिला लिया और एमएसएसी इन इलेक्ट्रॉनिक्स की पढ़ाई यहां से पूरी की। फिर बीआईटी मेसरा से एमटेक किया। एमटेक के अंतिम वर्ष में उन्होंने प्रोजेक्ट वर्क के लिये इसरो के तीन केंद्रों को पर आवेदन दिया।

उन्हें बुलावा जोधपुर से आया। 2002 में वे इसरो से जुड़ गए।

वरीय वैज्ञानिक अमिताभ की पत्नी डॉ. ममता सिंह पीएमसीएच में नेत्र सीनियर रेजीडेंट रही हैं। वे कहती हैं कि अमिताभ कई घंटे लैब में ही बिता देते थे। इस दौरान मोबाइल या कोई भी संचार माध्यम अपने पास नहीं रखते थे। डॉ. ममता फिलहाल जोधपुर एम्स में कार्यरत हैं।

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