बीपीएससी के 10 साल पुराने रिजल्ट में गड़बड़ी, हाईकोर्ट बोला-नया रिजल्ट दें

PATNA : बीपीएससी की 2010 में 48-52वीं परीक्षा के रिजल्ट में महिला उम्मीदवारों को आरक्षण लाभ देने में हुई गड़बड़ी को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने आरक्षित वर्ग की मेधा सूची को नए सिरे से निकालने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय की एकलपीठ ने सुजाता कुमारी की रिट याचिका को सुनते हुए बीपीएससी को यह आदेश दिया। आदेश से बीपीएससी की 48वीं से लेकर 52वीं परीक्षा में सफल कुछ उम्मीदवारों की रैंक व उससे मिलने वाले पद से हट कर उन्हें दूसरे सेवा में जाना पड़ सकता है। यही नहीं, कई पर सूची से बाहर होने का खतरा भी है। सुजाता के वकील ने बताया कि आरक्षण नियम के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने जो मानक तय किए थे, बीपीएससी ने मेधा सूची बनाते वक्त उसका उल्लंघन किया है।

बीपीएससी ने भी माना-मेधा सूची में नियम का पालन नहीं : वकील ने कोर्ट को बताया कि महिला के आरक्षण कोटे में जो मेरिट लिस्ट तैयार किया गया था उसमें सुजाता 325वें स्थान पर थी। उसने बिप्रसे को पहली प्राथमिकता दी थी, पर उसे श्रम उपाधीक्षक का पद दिया गया जबकि कम स्थान पाने वाली कुछ को बिप्रसे और बिपुसे में नियुक्त कर लिया गया। सुनवाई के दौरान बीपीएससी ने भी माना कि मेधा सूची सुप्रीम कोर्ट के तय नियम के अनुसार नहीं दिखती। इस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया।

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