बिहार के कांग्रेसी विधायक खरीद-फरोख्त के डर से राजस्थान-छत्तीसगढ़ भेजे जा सकते हैं

कांग्रेसी आलाकमान के निर्देश पर पटना में जमे दोनों पर्यवेक्षक और उनकी टीम भावी विधायकों पर कड़ी नजर रखने की रणनीति बना रही है। कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम से दूर गांधी मैदान स्थित एक बड़े होटल में दिन भर बड़े नेताओं ने परिणाम के बाद की स्थिति पर मंथन किया। परिणाम आने के बाद औपचारिक तौर पर कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिये राज्य के नेताओं के साथ बैठक हुई। हालांकि सूत्रों के मुताबिक जरुरत पर विधायकों को राजस्थान या पंजाब या छत्तीसगढ़ भेजा जा सकता है। विधायकों को कहा गया है कि चुनाव जीतने के बाद वो सीधे कांग्रेस इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन रणदीप सुरजेवाला से संपर्क करेंगे। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक 30 से ज्यादा सीटों पर जीतना तय है। पिछली बार कांग्रेस 41 में 27 सीट जीती थी। इस बार भी एग्जिट पोल में महागठबंधन को बहुमत के आसार हैं। इन सबको देखते हुए पार्टी ने पूरी फिल्डिंग सजा रखी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बार पार्टी ने 40 नए चेहरों को मैदान में उतारा है। इसलिए सतर्कता बरती जा रही है। जयपुर में पार्टी ने पूरी तैयारी कर रखी है। वहां एक प्लेन रेडी मोड पर है। राजस्थान के मुख्य सचेतक महेश जोशी व उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी को बाड़ाबंदी की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

बिहार चुनाव परिणाम : रिकॉर्ड तो बनेगा ही- तेजस्वी सबसे युवा सीएम या नीतीश सातवीं बार सीएम बनने वाले इकलौते नेता
बिहार का जनादेश मंगलवार को आएगा। महागठबंधन 122 सीटें जीतता है तो 31 साल के तेजस्वी सीएम होंगे। वे किसी बड़े राज्य के सबसे युवा सीएम होंगे। एमओ हसन फारूक 30 साल में पुद्दुचेरी के सीएम बने थे। तेजस्वी आईपीएल की दिल्ली टीम में रहे हैं। पर खेलने का मौका नहीं मिला।एग्जिट पोल सही हुए तो तेजस्वी उन चुनिंदा नेताओं में शुमार हो जाएंगे, जिन्होंने पिता की तरह सीएम पद संभाला है। इससे पहले जम्मू कश्मीर में शेख अब्दुल्ला, उनके बेटे फारुख अब्दुल्ला और फारुख के बेटे उमर अब्दुल्ला एक परिवार से तीसरे सीएम बन चुके हैं। इधर नीतीश कुमार और भाजपा एग्जिट पोल खारिज कर चुके हैं।

नीतीश ने जदयू नेताओं सेकी बात, लिया फीडबैक, वशिष्ठ बोले- बहुमत से फिर नीतीश सरकार
जदयू अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को अपने नेताओं से बतियाए; उनसे विधानसभा क्षेत्रों की जानकारी ली। संदर्भ, मतगणना का था। नीतीश से मिलने से पार्टी के कई वरीय नेता मुख्यमंत्री आवास गए थे। इधर, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दावा किया कि बड़ी बहुमत से फिर नीतीश कुमार की सरकार बनेगी। उनके अनुसार हम एनडीए की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। एक्जिट पोल में कई तरह की बातें आई हैं। मगर कुछ हजार वोटरों के सैंपल से परिणाम का आकलन नहीं हो सकता है। 2015 में भी एक्जिट पोल सही साबित नहीं हुए थे। जिनको जो दावा करना है, करें, हम यही जानते हैं कि फिर से हमारी ही सरकार बन रही है। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि नेता न शासक होता है और न ही कोई राजा। सेवा करना नेता का धर्म है और अंतिम फैसला जनता को ही लेना है कि वो किसे मौका देती है। उधर, कृषि मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने कहा है कि यह चुनाव बिहार की दशा और दिशा तय करने वाला है। जनता इस बार भी एनडीए की सरकार बनाने जा रही है।

पहले पोस्टल बैलेट, अाधे घंटे बाद EVM खुलेंगी, एक राउंड की गिनती में लगेंगे 5 मिनट
बिहार विधानसभा की 243 सीटों का चुनाव परिणाम मंगलवार को आएगा। इसके साथ ही तीनों चरणों के 3733 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला भी हाे जाएगा। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। इसके लिए राज्य के 38 जिलों में 55 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। कुल मतगणना केंद्रों के 414 हॉल में कड़ी सुरक्षा और निगरानी के बीच वोटों की गिनती होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी और आधे घंटे बाद 8.30 बजे से ईवीएम में रिकार्ड वोटों की गिनती शुरू होगी। इसके अलावा हर विधानसभा क्षेत्र के पांच-पांच बूथों के वीवीपैट की पर्ची की भी गिनती की जाएगी। ईवीएम और वीपीपैट के वोट के आंकड़े मैच नहीं होने पर वीपीपैट पेपर स्लिप की गिनती होगी। खास बात यह है कि इस बार के चुनाव में बूथों की संख्या में करीब 45 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। बिहार में कुल मतदान केन्द्रों की संख्या 106256 थी। हर विधानसभा क्षेत्र में सहायक मतदान केन्द्रों को मिलाकर औसत मतदान केन्द्रों की संख्या 300 से अधिक ही थी। एेसे में ईवीएम की संख्या में भी वृद्धि हुई है। एेसे में पहले की तुलना में चुनाव परिणाम आने में तीन से चार घंटे की देरी होगी।

मतगणना का फाॅर्मूला : एक राउंड में अधिकतम 14 टेबल होंगे, एक राउंड की गिनती में लगेंगे 5 मिनट
मतगणना केन्द्रों पर एक राउंड में अधिकतम 14 टेबल होंगे। एक राउंड में ईवीएम से वोटों की गिनती में औसत 5 मिनट का वक्त लगता है, लेकिन बाकी प्रक्रिया पूरी करने में कम से कम 15 मिनट का समय लगेगा। एेसे में अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 300 मतदान केन्द्र थे तो वहां 14 टेबल के हिसाब से 21 राउंड की गिनती होगी। यानी उस विधानसभा क्षेत्र के वोटों की गिनती में कम से कम साढ़े पांच घंटे का वक्त लग सकता है। यानी सुबह 8.30 बजे से अगर ईवीएम में रिकार्ड वोटों की गिनती शुरू होती है तो डेढ़ से दो बजे तक चुनाव परिणाम आ सकते हैं। इस हिसाब से जिस विधानसभा में जितने बूथ होंगे, वक्त भी उतना ही लगेगा। उदाहरण के तौर पर पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र में 711 बूथ थे। एेसे में दीघा का चुनाव परिणाम आने में करीब 12 घंटे का वक्त लग सकता है।

केंद्रों पर 3 लेयर की रहेगी सुरक्षा
मतगणना केंद्रों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 19 कंपनियां तैनात की गई हैं। हर मतगणना केंद्र पर सुरक्षा के थ्री लेयर इंतजाम किए गए हैं। केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के अलावा बीएमपी और जिला पुलिस बल की तैनाती की गई है। मतगणना के दौरान अगर कहीं हंगामा या हुड़दंग होता है तो उससे निपटने के लिए केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 59 कंपनियां तैनात की गई हैं।

एक-एक काउंटिंग आॅब्जर्वर तैनात
सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव आयोग ने एक-एक काउंटिंग आॅब्जर्वर की नियुक्ति की है। मतगणना के दिन इनकी देख रेख में वोटों की गिनती होगी।

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