कोरोना से दो जुड़वां भाइयों की मौत, दोनों था इंजीनियर, जन्म में 3 मिनट, मौत में 22 घंटे का फासला

जन्म में 3 मिनट, मौत में 22 घंटे का फासला:मेरठ में कोरोना से जुड़वा भाइयों की मौत, पिता बोले- पहले की मौत के साथ ही दूसरे का भी आभास हो गया था : उत्तर प्रदेश के मेरठ में कोरोना से जुड़वा भाईयों की मौत हो गई। 24 वर्षीय जुड़वा भाई जॉयफ्रेड वर्गीस ग्रेगरी व रॉलफ्रेड वर्गीस ग्रेगरी ने 22 घंटे के अंतराल में दुनिया से विदा ले ली। दोनों भाई इंजीनियर थे, पिछले साल ही मल्टीनेशनल कंपनी में दोनों की जॉब लगी थी। कोरोना के कारण दोनों भाई वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। मेरठ में घर पर ही उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ। शुक्रवार को बड़े भाई जॉयफ्रेड, शनिवार को छोटे भाई रॉलफ्रेड की मौत हो गई। माता सोजा ग्रेगरी, पिता ग्रेगरी रॉफेल शहर के सेंट थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल में शिक्षक हैं, परिवार मेरठ कैंट में ‌रहता है।

कोरोना निगेटिव मगर फाइब्रोसिस ने ली जान
दोनों भाई आनंद अस्पताल में 20 दिन से भर्ती थे। दोनों भाईयों को एक साथ संक्रमण हुआ। आरटीपीसीआर पॉजिटिव आया। संक्रमण बढ़ने पर दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। फेफड़ों में गंभीर संक्रमण के कारण भाईयों का ऑक्सीजन स्तर घट रहा था। उन्हें ऑक्सीजन ‌दी गई। प्लाज्मा दिया गया। धीरे-धीरे दोनों भाई कोरोना से उबरने लगे।

परिजनों के अनुसार, दोनों की 10 मई को रिपोर्ट में कोविड निगेटिव आया मगर फेफड़ों में पोस्ट कोविड फाइब्रोसिस बढ़ा हुआ था। इसलिए सांस लेने में दिक्कत थी। जिसके कारण चिकित्सकों ने दोनों भाईयों को अस्पताल में ही भर्ती रखा। 24 घंटे के अंतर पर दोनों की मौत हो गई। परिवार में दोनों बच्चों से पांच साल बड़ा बेटा नेलफ्रेड राफेल ग्रेगरी बचा है।

जन्म में 3 मिनट, मौत में 22 घंटे का फासला
शुक्रवार दोपहर बड़े भाई राॅलफ्रेड ने 12.30 बजे अंतिम सांस ली और श‌निवार को छोटे भाई जॉयफ्रेड की सुबह 10.30 बजे मौत हो गई। परिवार शनिवार को बड़े बेटे का ग्रेवियार्ड में अंतिम संस्कार करके वापस आया था, कि तभी अस्पताल से दूसरे बेटे की मौत की मनहूस खबर आ गई। दोनोंं बच्चों के जन्म में सिर्फ तीन मिनट का अंतर था।

आभास हो गया था कि अब छोटा भी नहीं बचेगा
पिता ग्रेगरी राफेल कहते हैं दोनों बच्चों को हर बीमारी और दुर्घटना साथ होती थी। शुक्रवार को बड़े बेटे की गुजरने की सूचना मिली तभी हमें आभास हो गया था कि अब छोटा भी नहीं रहेगा। दोनों के शरीर अलग थे मगर सांसें साथ चलती थी। दोनों में बहुत अच्छी बांडिंग थी। साथ में पढ़ाई, साथ में जॉब लगी। एक बेटा हुंडई, दूसरा एसेंचर में इंजीनियर था।

बहुत कम हैं जुड़वा बच्चों की कोरोना से मौत के मामले
चिकित्सकों के अनुसार प्रदेश ही नहीं देश, दुनिया में कोरोना से जुड़वा बच्चों की मौत के बहुत कम मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक व गुजरात के वडोदरा में ऐसा एक मामला सामने आ चुका है। लेकिन दोनों मामलों में ही नवजात जुड़वा बच्चों की कोरोना से मौत हुई थी। केरल में कोरोना संक्रमित महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। ‌मेरठ में पिछले दिनों कोरोना संक्रमित महिला ने जुड़वा बच्चों को मेडिकल अस्पताल में जन्म दिया था। रोहतक में भी जुड़वा नवजात की कोरोना से मौत हो चुकी है। युवा जुडवा बच्चों में कोरोना से मौत का यह पहला मामला मान रहे हैं।

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