मुसलमानों की मदद से इस गांव में पहली बार मना दुर्गा पूजा, यहां हिंदुओं की संख्या नाम मात्र है

वह भारत का ऐसा गांव है, जहां इससे पहले कभी दुर्गा पूजा नहीं हुई। यह गांव भी एक ऐसे राज्य में है, जहां की दुर्गा पूजा दुनियाभर में प्रसिद्ध है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के छोटे-से गांव धारन की। यह गांव बर्दमान जिले में आता है। इस गांव में कभी दुर्गा पूजा इसलिए मनाई गई, क्योंकि यहां हिंदुओं की संख्या नाम मात्र की है। इस गांव में सबसे ज्यादा मुसलमान हैं। दरअसल, हिंदुओं के मन में एक डर रहता था कि मुसलमान कहीं इसका विरोध न करें। ऐसे में खून-खराबा भी हो सकता है। लोगों की जानें जाने का डर सताता था, इसलिए हिंदू दुर्गा पूजा मनाने से बचते थे। लेकिन इस बार इस गांव के मुसलमानों ने दुनियाभर में एक मिसाल कायम की है। यहां के मुस्लिम इस बार दुर्गा पूजा का आयोजन करा रहे हैं। त्योहारों के इस सीजन में जब लोग बाहर से अपने घरों को आते हैं, तब इस गांव के लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ता था। वे दूसरे गांवों में रहने वाले रिश्तेदारों के यहां जाकर दुर्गा पूजा मनाते थे। लेकिन इस गांव में नवरात्र की चकाचौंध है।

बता दें कि सुकुर अली मिर्जा नाम के एक मुस्लिम युवक ने गांव के हिंदूओं के लिए दुर्गा पूजा आयोजित करने का फैसला किया है। सुकुर कहते हैं, ‘हर साल जब दुर्गा पूजा का त्योहार आता है, हिंदू दुखी हो जाते थे। मैं पिछले कई सालों से यह देख रहा था। इस साल हमने दुर्गा पूजा आयोजित करने का फैसला किया है। हम सभी ईद की तरह ही हिंदू त्योहारों को भी मनाना चाहते हैं। इसमें कोई राजनीति नहीं है और हमारा मजहब इसमें आड़े नहीं आएगा। हम एक साथ मिलकर त्योहार मनाए बस इतना चाहते हैं।’

इस फैसले से गांव के हिंदू बहुत खुश है। बर्दवान-आरामबाग रोड पर पांडाल बनाया गया है। दुर्गा प्रतिमा करीब-करीब तैयार है। दुर्गा पूजा आयोजन समिति के सचिव बासुदेब कुंडु कहते हैं, ‘सुकुर ने हमारे सपनों को साकार किया है। हर कोई इस विशेष क्षण का जश्न मना रहा है। मां दुर्गा की पूजा के लिए हिंदू और मुस्लिम परिवार साथ-साथ काम कर रहे हैं।’

बता दें कि गांव के हिंदू बच्चे बेहद उत्साहित हैं। यूं तो बच्चे हर साल नवरात्रों में नए कपड़े पहनते थे, लेकिन उत्साह की कमी रहती थी। लेकिन इस बार वो नए कपड़ों के साथ दुर्गा पूजा का जश्र भी मना सकते हैं। हर कोई सुकुर को धन्यवाद दे रहा है। खासबात यह है कि गांव की मुस्लिम महिलाएं भी दुर्गा पूजा में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। सभी अपने-अपने घरेलू काम निपटाकर पूजा मंडप में पहुंच जाती हैं और काम में हाथ बंटाती हैं। मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि हीम सभी महिलाएं इसे इस तरह कर रही हैं जैसे यह हमारी दुर्गा पूजा हो।’

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