प्रवर्तन निदेशालय ने फ्लिपकार्ट को 10,600 करोड़ का कारण बताओ नोटिस भेजा

वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट और उसके फाउंडर्स के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लिया है। कंपनी पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप है। ईडी ने उन्हें 10,600 करोड़ का कारण बताओ नोटिस जारी किया है।आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है। इसके बाद कंपनी की ओर से इस मसले पर बयान जारी किया गया है। फ्लिपकार्ट ने आज कहा कि वो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों सहित भारतीय कानूनों का अनुपालन करता है और फेमा के कथित उल्लंघन को लेकर भेजे गए नोटिस पर प्रवर्तन निदेशालय के साथ सहयोग करेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फ्लिपकार्ट और उसके प्रवर्तकों को विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन के लिए 10,600 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इस बाबत सवाल पूछने पर फ्लिपकार्ट ने कहा कि वह एफडीआई नियमों सहित भारतीय कानूनों और विनियमों का अनुपालन करती है। ई-कॉमर्स कंपनी ने कहा, ‘अधिकारी अपने नोटिस के अनुसार 2009-2015 की अवधि से संबंधित इस मामले की जांच करेंगे और इसमें हम उनके साथ सहयोग करेंगे।’ कंपनी के संस्थापकों से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
सूत्रों के अनुसार, फेमा की विभिन्न धाराओं के तहत पिछले महीने कुल 10 लोगों को नोटिस जारी किया गया था, जिनमें फ्लिपकार्ट, उसके संस्थापक सचिन बंसल और बिन्नी बंसल शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद नोटिस जारी किया गया और कंपनी पर लगे आरोपों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों का उल्लंघन और बहु-ब्रांड खुदरा को विनियमित करना शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी और उसके अधिकारी अब न्यायिक फैसले का सामना करेंगे। एजेंसी के चेन्नई स्थित एक विशेष निदेशक-रैंक के अधिकारी इस कार्यवाही का संचालन करेंगे।

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