मुखिया हो तो ऐसा, पिता प्रधानी चुनाव जीते तो बेटे ने गांव के विकास के लिए दे दिए 1 करोड़ रुपये

सरकारों द्वारा हर साल ग्रामीण विकास के लिए दिए जाने वाले फंड्स के बावजूद आज भी देश के गांवों की हालत खस्ता है. इन गांवों में पक्की सड़कें, नलियां, मेडिकल सुविधाएं, शिक्षा सहित बहुत सी अन्य सुविधाओं की कमी है. ऐसे में जनता द्वारा चुने गए किसी प्रधान का गांव के विकास के लिए बड़ी धनराशि देना आश्चर्य की बात है. यूपी में हुए ग्राम पंचायत चुनावों के नतीजे आने के बाद यहां के एक गांव में ऐसा ही आश्चर्य देखने को मिला. 

यूपी, देवरिया के पथरदेवा विकासखंड के एक गांव मेंदी पट्टी में प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए 86 वर्षीय सेनानिवृत शिक्षक गिरिजा लाल श्रीवास्तव निवर्तमान प्रधान डॉक्टर फकरे आलम तथा एक अन्य प्रत्याशी पंकज दत्त राय आमने सामने थे. प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगाया लेकिन अंत में गिरिजा लाल 42 वोटों से जीत गए.

यहां गिरिजा लाल का जीतना आश्चर्य की बात नहीं थी, गांव की जनता को आश्चर्य और खुशी की मिलीजुली अनुभूति तब हुई जब गिरजा लाल की जीत के बाद उनके बेटे सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव ने गांव के विकास के लिए अपनी ओर से एक करोड़ रुपये देने का ऐलान कर दिया.  

सुरेंद्र ने आजतक से बात करते हुए कहा कि गांव के विकास के लिए 1 करोड़ रुपये देने पर उन्हें बहुत खुशी हो रही है. वहीं गांव वाले भी इस बात से खुश हैं कि अब गांव का विकास होगा. सुरेंद्र को इस बात का दुख है कि पिछले 20 साल में यहां कोई काम नहीं हुआ. ना तो सड़कें बनी हैं ना नलियां और ना ही गरीबों के कच्चे मकान पक्के हुए हैं. इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए सुरेंद्र ने विकास राशि देने का फैसला किया है.

ये रुपये यहां कि ग्राम सभा के 4 गांवों के विकास में खर्च होंगे. जिसमें मेंदीपट्टी को 40 लाख, मेदी पट्टी को 28 लाख, आराजी पट्टी को 18 लाख और बेलवरिया को 14 लाख की राशि मिलेगी जिससे यहां के विकास कार्य संपन्न होंगे. सुरेंद्र ने यह भी कहा कि यह राशि उनके द्वारा गांव के विकास के लिए दी गई है. आगे अगर सरकारी बजट आया तो वह भी गांव के विकास के लिए ही खर्च होगा. 

गिरिजा लाल श्रीवास्तव के बेटे सुरेंद्र उत्तराखंड में माइन्स का कारोबार करने के साथ साथ समाजसेवा भी करते हैं. इससे पहले इन्होंने डेढ़ करोड़ की लागत से गांव में ही नर्मदेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया था. 4 मार्च 2019 को इस मंदिर का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया था. बेटे की मदद से गिरिजा लाल गांव में एक निजी स्कूल चलाते हुए गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देते हैं.

इसके साथ ही ये गरीब और अनाथ बच्चियों का सामूहिक विवाह कराने और कमजोर लोगों की मदद करना अपना धर्म मानते हैं. पिछले लॉकडाउन में भी सुरेंद्र लाल ने जरूरतमंद लोगों की खूब मदद की थी. यही वजह थी कि लोगों को यह पूर्ण विश्वास था कि गिरिजा लाल चुनाव जीत कर गांव का विकास करेंगे. इसलिए गांव वालों ने गिरिजा लाल का मन ना होते हुए भी उन्हें चुनाव लड़ने को कहा और शानदार जीत दिलाई.

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