हॉस्पिटल प्रशासन की गुंडा-गिरी, चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिजन को पी-टा

PATNA ; बच्चे की मौ-त के बाद परिजन हंगामा करने लगे। जिससे नाराज केजरीवाल हॉस्पिटल के कर्मी हॉस्पिटल के मरीजों और उनके परिजनों की दौड़ा-दौड़ाकर पिटाई करने लगे। हॉस्पिटल की सुरक्षा में तैनात गार्डों ने लोगों को डंडे से पी’टा। जिससे कई लोग घा’यल हो गए है। कई परिजनों को बंद कमरे में भी पी’टा गया है। जब इस घटना का मीडियाकर्मी वीडियो और फोटो लेने लगे तो कर्मी और भड़क गए और जबरन वीडियो और फोटो को डिलिट करा दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची है और मामले की छानबीन में जुटी है। बता दें कि AES से बीमार कई बच्चे इस हॉस्पिटल में भर्ती है।

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जानकारी अनुसार एईएस (AES) से पीडि़त मरीज को दूसरी बीमारी बताने का विरोध करने पर केजरीवाल अस्पताल प्रबंधन गुंडागर्दी पर उतर आया। अस्पताल के गार्ड व कर्मचारियों ने मरीज के परिजनों को दौड़ा-दौड़ा कर पी’टा। इस दौरान अस्पताल परिसर का मुख्य व अन्य गेट बंद कर दिया गया था। परिसर में जो भी मिला उसकी लाठी-डंडों से पि’टाई की गई। कुछ को गार्डरूम में भी बंद कर पिटाई की गई। समाचार कवर करने गए मीडियाकर्मियों को भी नहीं छोड़ा। उनकी भी पि’टाई कर उनके कैमरे तोड़ दिए।

पि’टाई के साक्ष्य कैमरे से मिटाए गए। पुलिस की मौजूदगी में लगभग आधे घंटे तक गार्ड व कर्मचारी परिसर में उ’त्पात मचाते रहे। महिलाओं व बच्चों को भी पी’टा। इससे वहां अफरातफरी मच गई। मरीज व उनके परिजनों ने इधर-उधर छुप कर जान बचाई। छुपे हुए कई परिजनों को भी बाहर लाकर गार्ड व कर्मचारियों ने बुरी तरह पि’टाई की। घटना की सूचना पर सिटी एसपी नीरज कुमार और नगर डीएसपी मुकुल कुमार रंजन अस्पताल पहुंचे और मामले की जांच की।

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जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने भी मामले का संज्ञान लिया है। उनके निर्देश पर अपर समाहर्ता, आपदा अतुल कुमार वर्मा व बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा भी अस्पताल पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी है। सभी ने घटना का सीसीटीवी फुटेज भी देखा। इसमें अस्पताल के कर्मचारियों की गुंडागर्दी के पुख्ता साक्ष्य हैं।

केजरीवाल अस्पताल के गार्ड रूम से पुलिस को बड़ी संख्या में लाठियां व लोहे के रड मिले हैं। इसी से मरीज के परिजनों की पिटाई की गई। कई मरीज के परिजनों ने पुलिस को बताया कि गार्ड व अस्पताल के कर्मचारी अक्सर लाठियों का भय दिखाते रहते हैं। जायज शिकायत करने पर भी चुप रहने नहीं तो पिटाई की धमकी देते हैं।

अस्पताल परिसर में लगाए सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में पूरा घटनाक्रम कैद हुआ है। इसमें अस्पताल के गार्ड व कर्मी लाठियों से परिसर में उपस्थित सभी की बेरहमी से पि’टाई करते नजर आ रहे हैं। परिसर में उपस्थित सभी कर्मी इसमें एक दूसरे के सहयोग करते नजर आ रहे हैं। कोई भाग नहीं पाए इसके लिए अस्पताल के मुख्य व बगल के गेट को बंद कर उसमें ताला तक लगाते दिख रहे। इससे पहले अस्पताल के कमरे में भी घुसकर पि’टाई की बात सामने आई है। पुलिस इस फुटेज की जांच कर रही है।

अस्पताल प्रबंधन गुंडागर्दी करने वाले कर्मचारी का अंत-अंत तक बचाव करता रहा। लेकिन, जब पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष सीसीटीवी के फुटेज को चलाया गया तो सबकी पोल खुलने लगी। तब अस्पताल प्रबंधन कार्रवाई की बात करने लगा।

21 जून की रात 10.24 बजे कुढऩी प्रखंड के सुमेरा गांव निवासी प्रेम पासवान अपने डेढ़ साल के पुत्र पियूष राज को भर्ती कराया। परिजनों का कहना था कि पीयूष में एईएस के लक्षण दिखाई दे रहे थे। लेकिन, चिकित्सक व अस्पताल के कर्मचारी सौदेबाजी पर उतर आए। परिजनों ने लाचारी दिखाई तो चिकित्सकों ने उसमें खून की कमी व संक्रमण का मरीज बताते हुए इलाज करने लगे। परिजनों ने इसका विरोध किया। मगर, उनकी कोई सुनने वाला नहीं था। मंगलवार की सुबह करीब 9 बजे उसकी मौ-त हो गई। इसके बाद परिजन ने अस्पताल प्रबंधन को एईएस से मौ-त का प्रमाणपत्र बनाने को कहा।

अस्पताल के कर्मचारी इसके लिए भी सौदेबाजी करने लगे। जब बात नहीं बनी तो परिजनों को धमकी देकर भगा दिया। बाद में उसके गांव के कई लोग पहुंचे तो विवाद शुरू हो गया। ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। ब्रह्मपुरा थाना पुलिस के पहुंचने पर हंगामा शांत हो गया। जब मरीज के परिजन व ग्रामीण जाने लगे तो परिसर का गेट बंद कर उनके ऊपर हमला कर लाठी-डंडे से पिटाई करने लगे। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन का दावा था कि मृत बच्चा एईएस से पीडि़त नहीं था। फिर भी मरीज के परिजन इसका प्रमाणपत्र मांग रहे थे, ताकि उन्हें सरकार से चार लाख रुपये मुआवजा मिल जाए। जब इस तरह के प्रमाण पत्र देने में असमर्थता दिखाई तो हंगामा व तोडफ़ोड़ करने लगे।

घटना के संबंध में मुजफ्फरपुर एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि मामला गंभीर एवं संवेदनशील है। विधि सम्मत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। घटना के समस्त प्रमाण सीसीटीवी कैमरे में कैद हैं। कोई भी दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।

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